कहा खो गए सांसदऔर विधायक ढूंढ रही जनता
सुशील उचबगले की रिर्पोट
गोरेघाट
वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 2024 को समाप्त हो जायेगा, पिछला चुनाव अप्रैल मई 2019 को संपन्न हुआ था जिसके चलते डा ढालसिंग बिसेन को भारी बहुमत से जनता ने जिताया था। जिसमे जनता ने डा ढालसिंग बिसेन पर बहुत ज्यादा भरोसा किया मगर डा ढालसिह बिसेन जनता की सोच के अनुरूप खरा नहीं उतरे जिससे लोगो के बीच अब उन्हें नफरत और नकारा सांसद के रूप में देखा जा रहा है। जब से चुनाव हुए है माननीय सांसद महोदय जैसे खो से गए है जनता जिन्होंने उन्हें जीताया था अब वे ही उन्हें ढूंढ रहे है। जनता से किए गए वादे जो भाजपा के कार्यकर्ता ने जनता से किए थे की हमारा सांसद जितने के बाद ये करेंगे वो करेंगे मगर भाजपा के कार्यकर्ता से ही सांसद डा ढालसिंग बिसेन रूबरू नही हो पा रहे है जिससे भाजपाई अच्छे खासे नाराज और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है। भाजपाई की माने तो इसका सीधा असर आने वाले 2024 के चुनाव पर पड़ेगा।
नही हुए काम
भाजपाइयों की माने तो उन्होंने जनता से जो वादे किए थे और मजे की बात की यही बात भाजपाइयों ने केबिनेट मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन जो की राजीव सागर परियोजना कुड़वा के रेस्ट हाऊस में बैठक में बताई सभी समस्याओं पर जिस पर उन्होंने कहा की सारे काम हो जायेंगे मगर सारे काम तो छोड़ो एक भी कार्य माननीय गौरी शंकर बिसेन द्वारा नही किया गया। भाजपाई और पठार की जनता अपने आप को काफी ठगा सा महसूस कर रही है । ना पिपरवानी से कन्हाडगांव का की सड़क बनी और ना राजीव सागर बांध की सड़क बनी , ना गोरेगाट से चिखली का पुलिया बना, ना किसानों की पाडन की रोड बनी, ना कलार मंगल भवन बना जितने महोदय द्वारा आश्वासन और भरोसा दिलाया गया था वो सब के सब नाकामयाब साबित हुए।
चुनाव में दिखेगा असर
पठार छेत्र के जो आश्वासन के बाद भी कार्य नही हुए है उसका असर चुनाव पर पड़ना लगभग तय है गोरेघाट पंचायत, कुड़वा पंचायत, आंबेझरी पञ्चायत, कन्हाडगांव पञ्चायत ये चारो एसी पञ्चायत है जहां सबसे अधिक वोट भाजपा की है। अगर सांसद और भाजपा के मंत्री गण ने जल्द से जल्द सुध नहीं ली तो चुनाव पर जो असर पड़ेगा उसकी भरपाई करना काफी सोचनीय विषय है।
विधायक का अता पता नहीं
विधायक श्री तामलाल सहारे जिसे जनता के कांग्रेस से बनाया गया मगर वे हमेशा सरकार का रोना रो रहे लेकिन कभी जनता से कभी रूबरू नही हो रहे है जब भी आते है चोरी छुपे ऐसा लगता है जैसे कोई चोरी करके आया हो और चलें गया हो ना किसी से मेल जोल ना किसी से वार्तालाप बस गिने चुने लोगों से छुपके मिलके चले जाते है।