मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की युवक की हत्या, पुलिस ने किया शव बराम
चार डॉक्टरों की टीम द्वारा देर शाम तक किया गया पोस्टमार्टम
लांजी। 16 सितम्बर की देर रात्रि ग्राम पौसेरा निवासी देवेंद्र यादव पिता चवनलाल यादव उम्र 23 वर्ष का पुलिस के मुखबिर होने के शक में मलाजखंड एरिया कमेटी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के नक्सलियों ने लांजी थाने के चौरिया जंगल क्षेत्र में स्थित दहियान में उसके साथी अवधेश के सामने ही उसकी निर्मम हत्या कर करते हुए पर्चे छोड़े थे। नक्सलियों ने पर्चे में उल्लेख किया था कि देवेंद्र यादव पितकोना पुलिस चौकी को दूध देने के नाम पर हमारी जानकारी पुलिस को देता था इसलिए उसे मौत की सजा दी जा रही है। युवक का साथी अवधेश 17 सितंबर की सुबह अपने घर ग्राम पौसेरा लौटा और परिजनों और ग्रामीणों को डर में आकर देवेंद्र के अपहरण की जानकारी दी जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। वहीं जनचर्चा के अनुसार युवक के शव का पता 17 सितंबर को ही चल गया था परंतु सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस ने सर्च अभियान चलाने के पश्चात 18 सितंबर को युवक का शव बरामद करने में सफलता हासिल की है। हालांकि युवक की मौत के बाद ग्राम पौसेरा में मातम छाया हुआ है। तथा पुलिस ने शव बरामद करने के पश्चात सिविल अस्पताल लांजी लाया गया जहां देर शाम तक चार चिकित्सकों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है। इस दौरान सिविल अस्पताल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आदर्शकांत शुक्ला, एसडीओपी लांजी श्री ओमप्रकाश एवं पुलिस बल के साथ ग्राम के सरपंच कृष्णकुमार पांचे एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। उल्लेखनीय है की जिले में बालाघाट पुलिस मिशन-2026 तक नक्सलियों के खात्मे को लेकर लगातार दबाव बनाए हुए है। जंगल में नक्सलियों से लेकर लोगों के मन में व्याप्त नक्सली विचारधारा को खत्म करने जुटी बालाघाट पुलिस, नक्सलियो के साथ उनके नेटवर्क को तोडऩे में लगी है, इसी के बीच, नक्सलियों द्वारा नक्सल प्रभावित ग्राम पौसेरा के युवक को अगवा कर मौत के घाट उतारने की इस घटना ने ग्रामीणों में पुन: दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। वहीं नक्सलियों द्वारा उक्त घटना को कारित करते हुए पुलिस प्रशासन को जंगलों और नक्सल प्रभावित ग्रामों में पुन: अपनी मौजूदगी का अहसास कराया है।
शव के पास बैनर और पोस्टर टांगे….
नक्सलियों द्वारा युवक देवेंद्र यादव की हत्या के पश्चात शव के पास लाल बैनर और पोस्टर भी लगाया गया है जिसमें लिखा गया है की बालाघाट में पुलिस भर्ती के नाम पर मुखबिरों की भर्ती कराई जा रही है जिसमें युवा पीढ़ी के भाई बहनों को पुलिस का मुखबिर बनाया जाता है। युवा पीढ़ी इसका विरोध करे, सरकार रोजगार देने के नाम पर युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद करती है। सरकार के द्वारा ऐसे मुखबिरों की भर्ती कराने से साफ पता चलता है की मोहन यादव की सरकार में युवा पीढ़ी सुरक्षित नहीं है। सरकार यदि ऐसे ही मुखबिरों की भर्ती करवा रही है तो उन्हें सही में पुलिस बनाएं वर्दी दे। और युवाओं को मुखबिर बनाकर बदनाम न करें। बैनर में ग्रामीण युवाओं को चेतावनी भी दी गई है की जो भी मुखबिर बनेगा उसकी मौत की जिम्मेदारी बालाघाट जिले की शासन-प्रशासन की होगी। बैनर के अंत आईजी को भी संदेश देते हुए लिखा गया है की अब देवेंद्र को एरिया कमेटी परसवाड़ा-मलाजखंड ने अगवा कर लिया है अब वह हमारे खिलाफ नहीं जा सकता।