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शासकीय महाविद्यालय लांजी में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर उठे सवाल, प्राचार्य ने आरोपों को किया खारिज

*राजनीतिक लाभ पाने महाविद्यालय को बदनाम कर रहे जपं उपाध्यक्ष: आर.आर. सोनवाने*

*शासकीय महाविद्यालय लांजी में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर उठे सवाल, प्राचार्य ने आरोपों को किया खारिज*

लांजी। शासकीय महाविद्यालय लांजी में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और शैक्षणिक माहौल को लेकर उठाए गए सवालों पर प्राचार्य आर.आर. सोनवाने ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जनपद उपाध्यक्ष अजय अवसरे के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप राजनीतिक लाभ पाने की मंशा से लगाए गए हैं। प्राचार्य सोनवाने ने कहा, महाविद्यालय में बिना प्रवेश असामाजिक तत्वों की मनमानी से छात्र-छात्राएं परेशान हो रही है और ऐसे असामाजिक तत्वों का मेरा संरक्षण प्राप्त है, यह सिर्फ महाविद्यालय को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ पाने का हथकंडा है। उन्होंने आगे कहा, मैं यहां जब से पदस्थ हुआ हूंए तब से महाविद्यालय ने कितनी प्रगति की है, यह मुझे उन्हें बताने की जरूरत नहीं है। यहां के परिणाम ही ऐसे सवालों के लिए हमारा जवाब हैं। प्राचार्य सोनवाने ने यह भी कहा कि जनपद उपाध्यक्ष अजय अवसरे ने कभी भी व्यक्तिगत तौर पर महाविद्यालय में हो रही गतिविधियों के विषय में शिकायत नहीं की और न ही कभी महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह आरोप निराधार हैं और महाविद्यालय को बदनाम करने की कोशिश है।महाविद्यालय में पढ़ाई का माहौल अच्छा है और छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

 

छात्र-छात्राओंं ने भी सिरे से खारिज किए आरोप, कहा, महाविद्यालय में पढ़ाई का माहौल अच्छा है

इस मामले में शासकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कहा की महाविद्यालय में हमें पढ़ाई करने के लिए अच्छा वातावरण मिल रहा है। यहां के शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा नियमित अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। साथ ही यहां के सीनियर छात्रों द्वारा नवप्रवेशित विद्यार्थियों का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही यहां कोई भी असामाजिक तत्व कभी प्रवेश नहीं करते हैं। अच्छे माहौल में पढ़ाई हो रही है। छात्रों ने कहा कि जो भी आरोप प्राचार्य पर लगाए गए हैं, वह पूरी तरह निराधार हैं और प्राचार्य आर.आर. सोनवाने की गरिमा को ठेस लगाने का कार्य है। इसके साथ ही यहां अध्यनरत लगभग 1600 छात्रों की प्रतिष्ठा पर भी कुठाराघात है। ऐसे में जनपद उपाध्यक्ष को स्वयं महाविद्यालय आकर अपने इस झूठे बयान के लिए प्राचार्य एवं छात्र-छात्राओं से क्षमा मांगनी चाहिए। छात्रों ने आगे कहा कि जनपद उपाध्यक्ष के इस बयान से महाविद्यालय की छवि खराब हुई है और इससे छात्रों के मनोबल पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि जनपद उपाध्यक्ष को अपने बयान के लिए माफ ी मांगनी चाहिए और भविष्य में ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।

 

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