आखिर कब होगा सड़क का निर्माण
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट/ तिरोड़ी
बालाघाट और सिवनी को जोड़ने वाली कान्हड़गांव से पिपरवानी महज 6 किलो मीटर की सड़क राहगीरों के लिए गले की हड्डी बनी हुई है जिसमें 4 पंचायत जुड़ी है और नेशनल हाइवे 44 को जोड़ने वाली सड़क आखिर क्यों नहीं बन पा रही है। चुनाव से पहले वादे किए जाते है और चुनाव के बाद सब भूल जाते है। अब जबकि इस जंगल में शेर का आतंक जोरो पर है और इस सड़क से गुजरना बहुत मुश्किल हो गया है यहां तक कि लोगों का आना जाना लगभग बंद सा हो गया है आखिर कब बनेगी ये सड़क आज सभी के जुबान पर है। जब भी कोई जन प्रतिनिधि पठार का दौरा करते है तो सबसे पहले पिपरवानी से कान्हड़गांव की सड़क की बात रखते है। और नेताओं का कहना कि जल्द से जल्द बनाने की बात कही जाती है मगर फिर वही बात सामने आती है कि आखिर कब बनेगी ये सड़क। राजीव सागर बांध को बने हुए आज 10 वर्ष हो चुके है और इससे पहले खवासा से राजीव सागर बांध तक सिंचाई विभाग में करीब 40 किलो मीटर की दूरी थी जिसमें खवासा से पिपरवानी और कन्हड़ गांव से कुड़वा तक पी डब्ल्यू डी में परिवर्तित कर दी गई लेकिन महज 6 किलो मीटर सड़क को आखिर क्यों पी डब्ल्यू डी में नहीं दिया गया समझ से परे है। अब जब बांध का काम पूर्ण हुए 10 साल हो चुके है तो सिंचाई विभाग ने भी हाथ खड़े कर दिए इस सड़क के लिए अगर नहीं ही बनाना है तो इस सड़क मार्ग को बंद कर देना ही उचित होगा। आज जबकि भाजपा सरकार पूरे भारत में सड़कों को प्राथमिकता से पूर्ण कर रही है लेकिन इस सड़क में कोई भी जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे है।