HomeMost Popularकलशयात्रा की भक्ति और राम कथा का भाव... दमोह को मिला बागेश्वर...

कलशयात्रा की भक्ति और राम कथा का भाव… दमोह को मिला बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर का सानिध्य

रामकथा के पहले दिन उमड़ा जनसैलाब

दमोह।स्थानीय होमगार्ड मैदान पर 9 दिवसीय श्रीराम कथा आयोजन का प्रारंभ शनिवार को नगर के प्यासी मंदिर से भव्य और ऐतिहासिक शोभायात्रा के साथ हुआ।
कलश यात्रा में हजारों की संख्या में भक्त उमड़े तो नगर में उत्सव का दृश्य बन गया।

देखे वीडियो

ऐसी कथा जो वर्ष 2022 में शुरू 2023 में होगी पूर्ण – पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

श्री बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण जी शास्त्री महाराज के मुखारविंद से श्री राम कथा की शुरुआत शनिवार दोपहर से की गई। कथा के दौरान उन्होंने कहां की। दमोह की धरा पर ऐसी ऐतिहासिक कथा होने जा रही है जो अंग्रेजी वर्ष के अनुसार वर्ष 2022 में शुरू होगी और वर्ष 2023 में पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि 2 साल पहले जब व आशीर्वाद गार्डन में 1 दिन के लिए आए थे तब वहां पर वर्ष 2022 में श्री राम कथा की घोषणा हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि दरअसल अजय टंडन तो एक माध्यम है कथा कराने वाले तो सीताराम जी व बांदकपुर के महादेव जी हैं। उन्हीं का प्रताप है कि 9 दिवसीय श्रीराम कथा हो रही है। गुरुजी ने बताया कि 4 मार्च 2020 में 2 वर्ष पहले जब आशीर्वाद गार्डन आए हुए थे तब सन्यासी बाबा ने अजय टंडन के लिए श्री राम कथा कराने का आव्हान किया था। उस समय वह कुछ भी नहीं थे। लेकिन बाद में टिकट मिल गई और वह जनता के आशीर्वाद से विधायक बन गए। शास्त्री जी ने कहा कि जो बात संत कह दे वह बात ईश्वर एन केन प्रकारेण सत्य कर ही देते हैं। उन्होंने श्रोताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप लेकिन ऐसा मत सोचना कि गुरु जी आपका नाम ले देंगे तो आप विधायक बन जाएंगे यह सोचकर कथा में कभी भी मत आना। स्थानीय होमगार्ड ग्राउंड पर करीब एक लाख से अधिक भक्तों के बीच श्री बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने शनिवार दोपहर श्री राम कथा की रसवर्षा की।
श्री राम कथा के दौरान गुरुजी ने कहा कि रामायण पढ़ने का नहीं बल्कि गढ़ने का काम है, तभी व्यक्ति भवसागर से पार हो पाता है। उन्होंने कहा कि यह ईश्वर का ही चमत्कार है कि जहां सड़क बिजली भी नहीं पहुंचाई लेकिन घर घर रामायण पहुंच गई। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने गुरु के ऊपर श्रद्धा और विश्वास दोनों रखना चाहिए जो व्यक्ति अपने गुरु व माता-पिता का आदर सम्मान करता है और उनके आदेश का पालन करता है, वह शिष्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की तरह होता है। उन्होंने उपस्थित भक्तों से आह्वान करते हुए कहा कि वह कथा में आते हैं और उन्हें सम्मान नहीं मिलता है तो वह इस पर ध्यान ना दें कथा में सम्मान नहीं हनुमान के लिए आना जरूरी है। उन्होंने कहा कथा भी जीवन जीने की एक कला है। हर व्यक्ति बैठकर कथा श्रवण नहीं कर सकता।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular