‘’किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी’’ अभियान के अंतर्गत बड़गांव में जिला स्तिरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
आज 26 अप्रैल को राणा हनुमान सिंह कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव, बालाघाट में किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी कार्यक्रम अंतर्गत प्राकृतिक खेती पर किसान मेला का आयोजन प्रो. प्रदीप कुमार बिसेन, कुलपति, जवाहरलाल नेहरू कृषि विष्वविद्यालय, जबलपुर के मुख्य अतिथ्य में सम्पन्न हुआ। जिसमें केन्द्र में जिले के 468 कृषकों तथा महिला कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा देष के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से वर्चुअली कृषकों को प्राकृतिक खेती अपनाने हेतु प्रेरित किया, साथ ही कृषि में नई तकनीकी का प्रयोग एवं मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के अनुसार खाद का प्रयोग करना, मिट्टी की उर्वरा षक्ति को बनाये रखने हेतु कृषकों को सुझाव दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. प्रदीप कुमार बिसेन, कुलपति, जवाहरलाल नेहरू कृषि विष्वविद्यालय, जबलपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि भूमि की उर्वरा शक्ति बनाये रखना एवं पर्यावरण प्रदृषित होने से बचाने हेतु कृषकों को प्राकृतिक खेती अपनाना आवष्यक हैं। कुलपति डॉ. बिसेन ने कहा कि देश के विकास में किसानों का बहुत बड़ा योगदान रहा हैं। किसान तरक्की करता हैं तो देश भी उन्नती करता हैं। साथ ही किसानों को नवीन तकनीकी प्राप्त करने एवं सदैव कृषि वैज्ञानिकों के सतत सम्पर्क में रहने हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय बालाघाट के अधिष्ठाता डॉ. नरेष बिसेन ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन की लागत कम होगी रसायन मुक्त खेती से मानव एवं मृदा स्वास्थ्य ठीक होगा। साथ ही प्राकृतिक खेती को करने के लिए कृषकों मार्गदर्षन किया कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आर.एल. राऊत ने कृषकों को प्राकृतिक खेती एवं जैविक अपनाने हेतु जैविक कीटनाषक में दषपर्णीय अर्क, निमास्त्र, बह्रामास्त्र, बीजामृत, संजीवक, जीवामृत, पंचगव्य, समृद पंचगव्य एवं अग्नेयास्त्र आदि जैविक कीटनाषक का पौधों पर प्रभाव तथा उससे होने वाले लाभ कैसे लिया जा सकता हैं की जानकारी प्रदान की।
जिले के दो कृषकों को अवार्ड जिसमें आई.सी.ए.आर. जोनल अवार्ड पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय कृषि पुरस्कार श्री जियालाल राहंगडाले एवं आई.सी.ए.आर. जगजीवनराम अभिनव कृषक जोनक पुरस्कार श्री विशाल कटरे को कृषक श्रेणी में जोनल पुरस्कार प्रमाण पत्र प्रदाय किये गये। तकनीकी सत्र में डॉ. शरद बिसेन, डॉ. उत्तम बिसेन, डॉ. अतुल श्रीवास्तव, डॉ. एस.आर. धुवारे, डॉ. रमेष अमूले, डॉ. राजू पांषे द्वारा नवीन तकनीकी हेतु कृषकों को मार्गदर्षित किया। कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि बालाघाट श्री राजेष खोबरागढ़े, उपसंचालक पषुपालन विभाग बालाघाट श्री ए.के. अतुलकर, सहायक संचालक उद्यानिकी बालाघाट श्री सी.बी. देशमुख, परियोजना संचालक आत्मा बालाघाट श्री एस.के. सोने, श्री यशवंत लिल्हारे, श्री जितेन्द्र मोहारे, कृषि महाविद्यालय मुरझड़ फार्म बालाघाट के सहायक प्राध्यापक डॉ. उत्तम बिसेन, कृषि महाविद्यालय मुरझड़ फार्म बालाघाट डॉ. राजू पांसे, श्री धर्मेन्द्र आगाशे, अंजना गुप्ता एवं जितेन्द्र नगपुरे भी उपस्थित रहें। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु मंच संचालक कृषि महाविद्यालय मुरझड़ फार्म बालाघाट के सहायक प्राध्यापक डॉ. शरद बिसेन ने किया।
किसान मेला सह प्रदर्शनी में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को प्राकृतिक खेती करने के तरीके, जैविक खेती का उपयोग करने की विधि, फसलों की प्राकृतिक खेती से उत्पादन को कैसी बढ़ाया जाये विषय पर कृषकों से परिचर्चा की गई । जिसमें बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, जैवाच्छादन का निर्माण करने की विधि की जानकारी कृषकों को प्रदान की गई। साथ-ही-साथ देशी गाय के गोबर, गौ-मूत्र एवं किसान का सच्चा मित्र केचुएं की महत्वत्ता को भी परिलक्षित किया गया। इसके अलावा वैश्वविक समस्या ग्लोबल वार्मिगं, जलवायु परिवर्तन पर चर्चा कर प्राकृतिक खेती किस प्रकार से मानव, पर्यावरण, जल एवं भूमि लाभकारी सिद्ध होती है, इसके बारे में बताया गया।
समाचार संकलन प्रफुल्ल कुमार चित्रीव बालाघाट