कुणाल की पाठशाला का कमाल, इस वर्ष भी नवोदय विद्यालय भर्ती परीक्षा में दिया सिलेक्शन आरुष परते पिता सुमित परते का नवोदय में चयन।
तिरोडी-तिरोड़ी तहसील के ग्रामीण इलाकों के गरीब और आदिवासी छात्र-छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने और शिक्षा से बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए 2 साल से यह कोचिंग क्लास कार्यरत है । थाना प्रभारी चैन सिंह उइके जी के प्रोत्साहन से शुरू हुई कुणाल की कोचिंग क्लास से विगत वर्ष भी भूमि जैन और ग्रेसी पन्द्रे तिरोड़ी का जवाहर नवोदय विद्यालय वारासिवनी के लिए चयन हुआ है. इन छात्रों के चयन के बाद अन्य बच्चों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है. बता दें कि थाना प्रभारी का मकसद था कि तिरोड़ी तहसील के गरीब और आदिवासी विद्यार्थी अच्छी शिक्षा अर्जित कर सकें और अच्छा मुकाम हासिल कर सकें. वहीं कुणाल घोड़ेश्वर इस पाठशाला में तिरोड़ी सहित आस-पास के ग्रामीण इलाकों से आने वाले गरीब और आदिवासी बच्चों को शिक्षा दे रहे है. आरुष , भूमि और ग्रेसी की सफलता के बाद कुणाल भी काफी उत्साहित है. उनका कहना है कि आज आरुष ,भूमि और ग्रेसी की सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी बनेगी बच्चे और अधिक लगन तथा मेहनत के साथ अध्ययन करेगें और भविष्य में यहां से और अधिक विद्यार्थियों का चयन नवोदय विद्यालय के लिए होगा.
आरुष परते पिता सुमित परते अपनी सफलता का श्रेय कुणाल घोड़ेश्वर को देते है वह कहते है कि गरीब बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर पाठशाला शुरू करवाई थी वहीं कुणाल ने अपना कीमती समय इन बच्चों के भविष्य को संवारने में लगाया है उनका यह कार्य आज भी जारी है