सागर, 27 नवंबर 2022
हमारे राजनैतिक फैसले समझदारी भरे होना चाहिए, प्रतिक्रियावादी नहीं होना चाहिए। जरूरी नहीं कि हम टकराएं, झगड़ा करें, अपनी बात को बड़ों का सम्मान रखते हुए आदरपूर्वक भी रखा जा सकता है। यह विचार केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं जलशक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने सागर जिले के खुरई में दो करोड़ की लागत से बने वीरांगना रानी अवंतीबाई सामुदायिक भवन का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने घोषणा की कि मालथौन में भी लोधी क्षत्रिय समाज का ऐसा ही सामुदायिक भवन बनाया जाएगा।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने समारोह में बड़ी संख्या में पधारे लोधी क्षत्रिय समाज के नागरिकों से कहा कि मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने लोधी क्षत्रिय समाज का इतना बड़ा और व्यवस्थित सामुदायिक भवन बनाकर समाज को दिया है, जितना संभाग में दूसरा नहीं है। उन्होंने तो इतना बड़ा योगदान कर दिया, लेकिन अब समाज के प्रमुख लोगों की जिम्मेदारी है कि इसके संचालन के लिए रजिस्टर्ड समिति के अंतर्गत कुछ नियम कायदे भी बनाएं ।जिससे कि सामुदायिक भवन का मेंटेनेंस भी हो सके। पटेल ने सुझाव दिया कि वैवाहिक या व्यक्तिगत कार्यों के लिए कभी भी यह भवन किसी को निशुल्क नहीं दिया जाए। समाज के गरीब वर्ग को शुल्क में कुछ छूट दी जाए, लेकिन उनसे भी कुछ शुल्क लिया जाए ताकि भवन का व्यवस्थित संचालन और रखरखाव हो सके।
केंद्रीय राज्य मंत्री पटेल ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस सुझाव की मुक्त कंठ से सराहना की कि यह सामुदायिक भवन आगे चल कर दो मंजिला बना दिया जाएगा। जिसमें शौचालय सहित कमरों की संख्या दस से बीस कर दी जाएगी और इन अतिरिक्त कमरों का उपयोग लोधी समाज की जरूरतमंद बेटियों के छात्रावास के रूप में उपयोग किया जाएगा। श्री पटेल ने कहा कि मैं भूपेंद्र सिंह का 40 साल से मित्र और सहयोगी हूं। उनकी भावनाओं के अनुरूप समाज इस सामुदायिक भवन की उपयोगिता तय करे। उन्होंने कहा कि यह सामुदायिक भवन वह पवित्र जगह बन सकती है, जो समाज की दशा ,दिशा बदलने का केंद्र भी बन सकता है। इसका सदुपयोग मासिक बैठकें करने, कोचिंग पढ़ाने, समारोहों आदि शुभकार्यों के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशे और लड़ाई, झगड़ों से मुक्त होने, एकजुट होकर चरित्र निर्माण पर विचार विमर्श करने और बेटियों, महिलाओं की भलाई करने के लिए इस जगह का सदुपयोग करें। मंत्री श्री पटेल ने समाज में महिलाओं की पिछड़ी हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रेरणा दी कि हमें वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी के समय को याद करना चाहिए। जब 1858 में एक लोधी समाज की महिला जनजाति वर्ग के हितों के लिए तलवार लेकर अंग्रेजों से भिड़ गई थी। आज 2022 में समय बदल चुका । उन्होंने कहा कि रानी अवंतीबाई का संघर्ष समाज विशेष के लिए नहीं था, देश के सभी समाजों के लिए था। हमें भी समाज में गुलदस्ते की तरह रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछड़े होने का अर्थ है कि हमें अपनी यात्रा समृद्धि की ओर ऊपर ले जाना है। स्तर बढ़ाना है। यह काम चरित्र और शिक्षा से होगा। यदि हमने नशा नहीं रोका, लड़ाई झगड़े बंद नहीं किए और शिक्षा अर्जित नहीं की तो समझ लीजिए कि हमने समाज को कलंकित करने काम काम किया है।
इसके पहले मंत्री भूपेंद्र सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि श्री प्रहलाद पटेल मूल्यों सिद्धांतों के लिए संघर्ष करने वाले तथा राजनीति के संत हैं ,जिन्होंने अनेक बार पैदल ही नर्मदा परिक्रमा की है। ऐसे शुभ हाथों से लोधी क्षत्रिय समाज के सामुदायिक भवन का लोकार्पण हुआ है ,यह प्रसन्नता की बात है। उन्होंने बताया कि खुरई में लोधी क्षत्रिय समाज का कोई ऐसा सामुदायिक भवन नहीं था, जिसमें सामाजिक कार्य आयोजित हो सकें। समाज की सहमति से प्राइम लोकेशन पर 1.25 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की यह एक एकड़ जगह नगरपालिका से विधिवत समाज को दिलाई गई, जिसके भूतल पर 75 लाख रु की लागत से शौचालय सहित दस कमरे, दो बड़े हाल, अपर ब्लाक हैं, जो सभी गुणवत्तापूर्ण बने हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए विवाह आदि समारोह में इस सामुदायिक भवन से बड़ा सहयोग मिलेगा।
मंत्री सिंह ने कहा कि वीरांगना अवंतीबाई ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किसी एक समाज विशेष के लिए नहीं बल्कि देश और सभी समुदायों के हितों के लिए किया था। उनकी और उनके जैसे अनेक महापुरुषों की वीरगाथाओं को आजादी के बाद भुला दिया गया था । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अब ऐसे स्वतंत्रता संग्राम के वीरों , महापुरुषों की जानकारियां एकत्रित कर समाज के सामने रखने और उन सभी का सम्मान करने का काम शुरू किया है। यह इसलिए जरूरी था कि युवा पीढ़ी इस बात को समझ सके कि आजादी कितने त्याग और बलिदान से मिल सकी। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मूल मंत्र सबका साथ ,सबका विकास है ।जिस पर हम सभी चल रहे हैं। मेरा मानना है कि न पूंजीवाद ,न जातिवाद और न ही अन्य कोई वाद चल सकेगा। अब सिर्फ विकासवाद का युग है।