गंदगी से जीना हुआ मुश्किल*
*नोनसा में बच्चों को रहने भेजा दूसरे के घर*
*सरपंच मस्ती में मस्त*
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत एवं पूरे विश्व में डंका बजाने के बावजूद हमारे गांवों की स्थिति आज भी विकास के दृष्टिकोण से कोसों दूर नज़र आ रहा है। प्रदेश भर में जहां एक पौधा माॅं के नाम पर वृक्षारोपण किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ हजारों पौधों को जो की बहुत ही कीमती एवं मूल्यवान इमारती लकड़ी सागौन का विना शासन के अनुमति के नहीं काटा जा सकता परन्तु नियमों को ताक पर रखकर वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र में खैरलांजी,खैरी,बकेरा,बासी,नोनसा में बे खौंफ वृक्षों की कटाई की जा रही है।
परंतु आज एक वाक्य ऐसा देखने मिला जिसमें ग्राम पंचायत नोनसा में सरपंच की निष्क्रियता के चलते पूरे गांव में गंदगी का माहौल बना हुआ है। ग्राम पंचायत के सामने पटल पर तख्ती पर लिखा हुआ है निर्मल ग्राम स्वच्छ ग्राम परंतु हकीकत कुछ और है। पंचायत में आरक्षण प्रक्रिया के चलते आरक्षित वर्ग को दी गई परंतु ग्रामीणों की बात सुनी तो उन्होंने कहा पांच साल बंटाधार जगह जगह पर गंदगी पेड़ों पर बैठे पक्षियों की बीट की बदबूदार हवा से बच्चे बीमारी से पीड़ित हो रहे जिससे हम ग्रामीणों का जीवन जीना हुआ मुश्किल इस विषय को लेकर वार्ड वासियों ने C.M. helpline के माध्यम से एवं जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा कर समस्या का समाधान करने का निवेदन किया गया है!
यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में ग्रामीण जनता उग्र रूप धारण कर सकती हैं!