गांव में पढ़ाई कर सितारा बनके उभरे कथा वाचक डा राजुल पाण्डे
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट/तिरोड़ी
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस सन 2024 को राजुल पांडे कथावाचक एवं काव्य जगत को सुशोभित करने वाले पचमढ़ी मध्य प्रदेश को विद्या वाचस्पति डॉक्टरेट मानक उपाधि से राज भवन दिल्ली में सम्मानित किया गया उपरांत उनकी काव्य प्रतिभा एवं सामाजिक कार्य शैली को देखते हुए नीति आयोग की अनुशंसा पर परिवर्तन योगेश संस्था के द्वारा दिनांक 15 अक्टूबर सन 2024 माधव सदन भारत की राजधानी दिल्ली के द्वारा भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक महा महिम पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी की जन्म तिथि के पावन अवसर पर डॉ राजीव पांडे भागवत भास्कर को राष्ट्रीय नोबल से सम्मानित किया गया है जो हमारे अपने डॉक्टर राजीव पंडित जी के लिए एवं संपूर्ण क्षेत्र वासियों के लिए गौरव का विषय है राजुल पांडे जी का संबंध बालाघाट मध्य प्रदेश से रहा है जिनकी प्राथमिक शिक्षा ग्राम गोरेघाट तहसील तिरोड़ी जिला बालाघाट में संपन्न हुई जिन्होंने अपने बुआ के घर रहकर शिक्षा अध्ययन कर निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होते हुए एम ए ए संस्कृत एम ए दर्शन शास्त्र एम ए हिंदी साहित्य एवं शिक्षा शास्त्री होकर बेड की डिग्री प्राप्त की जिनके द्वारा निरंतर मंशा सिद्ध किए तथा जिनके द्वारा निरंतर अपने सफल जीवन में लगभग 400 कथाओं का सफल आयोजन पूर्ण हुआ है एवं स्वलिखित रचनाओं के क्रम में थिस एवं राष्ट्र समाज में समर्पित लगभग 300 सहेली गीत रचनाओं का संकलन किया जा चुका है श्री महालक्ष्मी पब्लिकेशन जयपुर के द्वारा सर्वश्रेष्ठ कविता संग्रह में उनके द्वारा लिखित कविताओं का भी संकलन किया गया है वर्तमान निवास जिनका सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी जिला नर्मदा पुरम मध्य प्रदेश की पावन धारा में है डॉ राजुल पांडे की इस वैचारिक एवं काव्य शैली की सफलता पर नोबेल पुरस्कार प्राप्त होने पर क्षेत्रवासी नगर वासी जिला बालाघाट उनके ग्राम गोरेघाट एवं पचमढ़ी नगर वासियों ने हर्ष व्यक्त किया है एवं उनकी उपलब्धि पर उन्हें बधाई प्रेषित की है