*गौ तस्करों के हौसले हुए बुलंद, लांजी के टिमकीटोले के जंगलों से रातो रात पार होते हैं गाय व बैल*
बालाघाट/लांजी
लांजी तहसील के ग्राम पंचायत रिसेवाड़ के अंतर्गत ग्राम टिमकीटोला जो कि घने जंगलों से लगा हुआ है जिसका फायदा उठाकर तस्करों के द्वारा तस्करी के कार्य किए जाते हैं जो कि लांजी क्षेत्र में तस्करी के नाम से जगजाहिर है वहीं पर बहेला थाना ने पूर्व में गौ तस्करी को लेकर एक बड़ी कार्यवाही की थी लेकिन कुछ महीनों से पुलिसिया कार्यवाही नहीं होने से गौ तस्करों के हौसले बुलंद हो गए हैं और पशु तस्करों के द्वारा छत्तीसगढ़ जिले के अलग-अलग स्थानों से मवेशियों की खरीदी की जाती है।
इसके बाद तस्कर लांजी अंचल में टिमकिटोला से अंदर जंगल के रास्ते होते हुए महाराष्ट्र राज्य में प्रवेश कर जाते है। इसी तरह लांजी क्षेत्र में रिसेवाडा टिमकी टोला के जंगल रास्ते से होते हुए महाराष्ट्र के पानगांव , पिपरिया होते हुए महाराष्ट्र राज्य की सीमा में प्रवेश कर जाते है। विडम्बना यह है कि इन दोनों ही सीमा क्षेत्र से महाराष्ट्र राज्य जाने के लिए पशु तस्करों द्वारा घने जंगलों का सहारा लिया जाता है।
इसी तस्करी को लेकर गौ तस्करों पर बालाघाट जिले की पुलिस ने टीमकी टोला के गौ तस्करों पर बड़ी कार्यवाही की थी जिसको लेकर कुछ दिन गौ तस्करों द्वारा गौ तस्करी का कार्य नहीं किया गया परंतु अभी कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य से गौ तस्करों के द्वारा गाय तथा बैलों को लाकर टिमकी टोला के समीप जंगल में रखा जाता है और रात का अंधेरा होते ही जंगल के रास्ते से गौ तस्कर गाय और बैलों को आसानी से निकाल ले जाते हैं और महाराष्ट्र के बड़े गौ तस्करों को भेच दिया जाता है तब उनके द्वारा उन गाय और बैलों को महाराष्ट्र के बड़े शहरों में कटनी के लिए भेज दिया जाता है। पुलिसिया कार्यवाही नहीं होने पर गौ तस्करों के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं। इस गौ तस्करी में महाराष्ट्र के और लांजी तहसील ग्राम के कुछ तस्कर सम्मिलित है जिनके द्वारा यह गौ तस्करी की जा रही है। कुछ महीनों से पुलिस की कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हो चुके हैं। गौ तस्करों के द्वारा छत्तीसगढ़ से गाय और बैल लाकर टीमकी टोला के समीप जंगल में रखा जाता है और वहीं रात्रि के समय इन्हें जंगल के रास्ते महाराष्ट्र राज्य में प्रवेश करा दिया जाता है। इस कार्य में एक पूरा गिरोह कार्य कर रहा है। इतना ही नहीं यह कारोबार टिमकी टोला में पिछले कई वर्षों से जारी है। लेकिन कुछ महीनों से पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने की वजह से तस्करों के हौंसले बुलंद है।