ग्राम जराहमोहगांव में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मरारी पोला
विधायक गौरव सिंह पारधी ने की पशुधन की पूजा
कटंगी क्षेत्र की ग्राम पंचायत जराहमोहगांव में परंपरागत मरारी पोला का आयोजन बड़े हर्षोल्लास और धार्मिक भावना के साथ 1 नवंबर, शुक्रवार को आखर चौक में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विधायक गौरव सिंह पारधी ने विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज की और ग्रामीण पशुपालकों के साथ मिलकर परंपरागत ढंग से पशुओं की पूजा-अर्चना की। साथ ही, उन्होंने सभी पशुपालक किसान भाइयों को उपहार स्वरूप टिफिन डिब्बे भी वितरित किए।
आयोजन की शुरुआत स्वर्गीय गणपत पंडा बाहेश्वर के निवास से महाआरती निकालने के साथ हुई। ग्राम के प्रबुद्ध नागरिकों और मरार समाज के महाजनों ने एक-दूसरे को पान-सुपारी खिलाकर शुभकामनाएं दीं। पशुपालकों ने अपने पशुओं का साज-सज्जा कर, उन्हें कतारबद्ध तरीके से आखरदान पर लाया, जहां पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान ग्राम के कोटवारों ने आम के पत्तों से तोरण बनाए, जिनके नीचे से पशुपालक अपने पशुओं को लेकर घरों तक लौटे।
गांव के प्रत्येक घर में पशुओं की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ उन्हें पारंपरिक पकवान – पपड़ रोटी, सूरन की सब्जी और अन्य व्यंजन खिलाए गए। इस अवसर पर ग्राम की पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए पशुधारकों को उपहार स्वरूप राशि भी प्रदान की गई। पंच महोत्सव के अंतर्गत मरारी पोला के दिन गायों को खिलाने की विशेष परंपरा निभाई जाती है, जिसमें आस्था और श्रद्धा का भाव प्रमुख होता है। इसके अंतर्गत ग्राम के प्रमुख स्थल खिलिया मुडिया नीम चौक में गोवारी समाज के धर्मावलंबियों द्वारा अपने आराध्य देव की विशेष पूजा की गई।
इस अवसर पर विधायक गौरव सिंह पारधी ने सभी पशुपालक किसान भाइयों को टिफिन डिब्बे भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में कृष्णकमल नोकेन्द, सिंगनदुपे गेवेन्द, टेकराम दौलत सिंगनदुपे, यादोराव एवं परिवार के सदस्य, युवा सरपंच योगेश डोंगरे, उपसरपंच समाजसेवी चंद्रप्रकाश शंभू डहरवाल, जनपद सदस्य प्रतिनिधि शारदा डहरवाल, छबिकुमार मरठे, गुलेन्द बघेल, पतिराम पंचेश्वर, नंदकिशोर मरठे, हितेन्द डहरवाल, मनीराम पटले, प्रकाश अखिलेश पंचेश्वर, शेखर चौधरी, पवन डहरवाल, अनिल ठाकरे, धनराज ठाकरे, आकाश डहरवाल, पवन पोरगड़े, और अमित पटले ,पतिराम पंचेश्वर,सबू डहरवाल, हितेंद्र डहरवाल शामिल थे।
इस आयोजन में ग्रामीणों का उत्साह और आस्था देखते ही बन रही थी, और समूचे ग्राम में पर्व की पावनता का भाव स्पष्ट दिखाई दे रहा था।