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जबलपुर भूकंप की 25वीं बरसी कोसमघाट में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का कार्यक्रम

जबलपुर

भूकंप श्रमदानियो का केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने सम्मान किया

जबलपुर भूकंप के 25 वर्ष पूर्ण होने पर कोसमघाट में आयोजन

स्वयं प्रहलाद पटेल ने किया था। उस समय एक महीने से अधिक समय तक श्रमदान

श्रमदान कभी भी व्यर्थ नहीं जाता क्योंकि श्रमदान स्वयं के लिए नहीं बल्कि किसी दूसरे की सेवा के लिए किया जाता है , भूकंप के पश्चात प्रशासन ने कोसमघाट के लोगों को किसी अन्यत्र स्थल पर बसाए जाने का निर्णय लिया था। लेकिन 25 वर्ष पूर्व किए गए श्रमदान का परिणाम है कि आज यह गांव उसी जगह पर है और बहुत शानदार समृद्धशाली हो गया है । मुझे खुशी है कि विपदा के उन दिनों साथियों द्वारा की गई सेवा और निर्माण आज एक खुशहाल गांव के रूप में दिख रहे हैं, उक्त उद्गार केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कोसमघाट में श्रम वीर सम्मान समारोह के अवसर पर व्यक्त किए प्रह्लाद पटेल ने बताया कि
22 मई 1997 को जबलपुर में आये भूकंप का केंद्र कोसमघाट था और भूकंप से उपजी तबाही भी कोसमघाट में ही सब से ज्यादा हुई थी,हालांकि जबलपुर के लगभग हर क्षेत्र में भूकंप ने विनाशकारी दृश्य उपस्थित कर दिए थे।परंतु कोसमघाट में भूकंप का केंद्र होने के कारण यहां कुछ ज्यादा ही तबाही हुई इसीलिए भूकंप की त्रासदी के 25 वर्ष पूर्ण होने पर यह तय हुआ कि कोसमघाट के पुनर्निर्माण और भूकंप की त्रासदी को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने वाले कर्मवीरों का सम्मान किया जाना चाहिए। इसीलिए आज यह सम्मान समारोह सहयोग क्रीड़ा मंडल ,गोटेगांव द्वारा आयोजित किया गया है। बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित श्री पटेल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि वे उस समय संसद में सिवनी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और जब भूकंप में कोसमघाट की तबाही की सूचना मिली तो प्राथमिक तौर पर कोसमघाट में ध्वस्त मकानों-भवनों के पुनर्निर्माण की बात सहज ही मस्तिष्क में कौंधी और विचार बना कि कम से कम तीन दिन तक श्रमदान कर ध्वस्त भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा पर जब काम शुरू हुआ तो वह अनवरत एक माह से अधिक समय तक चलता रहा जिसमें स्थानीय निवासियों का भरपूर सहयोग तो मिला ही वहीं जबलपुर,सिवनी और नरसिंहपुर के सैंकड़ों कर्मवीरों ने भी दिन-रात श्रमदान कर सहयोग दिया जिससे बड़ी संख्या में ध्वस्त भवन-मकान भूकंप के पहले वाली स्तिथी में वापस आ सके। प्रारंभिक तौर पर सहयोग क्रीड़ा मंडल के साथियों ने ध्वस्त आवासों का मलबा हटाने का कार्य किया जिसके बाद आदेगांव के आदिवासी बंधुओं एव ग्राम भड़री के हरिजनों के हुनर से आवासों का पुनर्निर्माण संभव हो सका इस पीड़ित मानवता की सेवा कार्य में मढ़ाताल गुरुद्वारा समिति,मदनमहल प्रेम नगर गुरुद्वारा द्वारा कारसेवा के समय एक माह तक प्रतिदिन भोजन व्यवस्था ने कारसेवकों को कार्य करने हेतु संबल प्रदान किया।केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने भूकंप के समय मीडिया के सकारात्मक सहयोग की प्रशंसा करते हुए पत्रकारों एवं छाया चित्रकारों का आभार जताया और कहा कि मीडिया की त्वरित और शानदार रिपोर्टिंग के कारण जबलपुर के विनाशकारी भूकंप को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कवरेज मिली जिससे जबलपुर को पुनर्निर्माण के लिए सहायता मिल सकी।
श्रम वीर सम्मान समारोह में जबलपुर, सिवनी और नरसिंहपुर सहित अनेक जिलों के लोग सहभागी बनने पहुंचे थे और भूकंप के समय विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहकर राहत और पुनर्निर्माण में अपना सहयोग देने वाले व्यक्तित्वों को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने सम्मानित किया।मीडिया से जुड़े विभिन्न व्यक्तित्वों का भी श्री पटेल ने सम्मान किया।
उल्लेखनीय है कि 25 वर्ष पूर्व भूकंप के तुरंत बाद प्रहलाद पटेल ने कोसमघाट में लगातार एक महीने से ज्यादा समय तक रहकर स्वयं पुनर्निर्माण की कमान सम्हाली थी और उस समय प्रतिदिन घंटो तक चिलचिलाती धूप में वे अपने साथियों सहित श्रमदान करते नज़र आते बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि,कार्यकर्ता गण और नागरिक उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने 25 वर्ष पूर्व त्रास्दी के समय की गई जनसेवा और वर्तमान वर्ष में हुए परिवर्तन को देखने के लिए अपने श्रमदानी साथियों के साथ पूरे गाँव का पैदल भ्रमण किया।
25 वर्ष पूर्व भूकंप की त्रासदी दिखाने वाली एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया इस प्रदर्शनी में
बाइट

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