ओ काल काल काली काली
सर कटते हैं बारी बारी
क्या है सृजन पतन क्या मइया
जीवन मृत्यु साथ है मइया
राग आज श्मशान समाहित
काया माया राख भवानी
जय हो रणचण्डिका भवानी
समर आज उन्माद भरा है
कात्यायिनी साथ खडा है
शस्त्र अस्त्र सब खाक् भवानी
रक्त रंग से लगे भवानी
अपराजिता नैन खडे है
जले असुर वो क्रोध धरे है
जीवन मृत्यु साथ भवानी
प्रणाम माता कालिका भवानी
प्रणाम माँ अपराजिता भवानी