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जल संरक्षण और संवर्धन के लिए वॉटर शेड विकास अति महत्वपूर्ण परीक्षण उपरांत करें वॉटर शेड स्थल का चयन —- कलेक्टर श्री आर्य

जिला वॉटर शेड विकास सलाहकार समिति की बैठक संपन्न

आशीष दिवाकर विजय निरंकारी सागर 23 मई 2022

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अंतर्गत स्वीकृत वॉटर शेड विकास परियोजनाओं के कार्यक्षेत्र में भारत सरकार और राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं में अभिसरण और इन परियोजनाओं की प्लानिंग, क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग तथा प्रभावों के विश्लेषण हेतु उन्नत और आधुनिक तकनीकों व प्रणालियों के समावेश के लिए कलेक्टर एवं मिशन लीडर श्री दीपक आर्य की अध्यक्षता में जिला वॉटर शेड विकास सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई।

कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कहा कि, जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जिला वॉटर शेड विकास सलाहकार समिति की जिला वॉटर शेड विकास सलाहकार समिति की वॉटर शेड का विकास अति महत्वपूर्ण है। इससे भूमिगत जल के स्तर में भी सुधार होता है। उन्होंने कहा कि वॉटरशेड विकास के लिए स्थल चयन करते वक्त पूरी गंभीरता बरती जाए और परीक्षण के उपरांत ही स्थल का चयन किया जाए। ऐसे क्षेत्र जहां ग्राउंडवाटर रिचार्ज की संभावना, आसपास क्षेत्र में जल स्रोत की उपलब्धता हो साथ ही क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को भी ध्यान में रखा जाए।

उल्लेखनीय है कि, वॉटरशेड विकास के अंतर्गत सागर ज़िले में मालथोन एवं खुरई विकासखंड के अंतर्गत 2 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। मालथोन विकासखंड के अंतर्गत 4 हज़ार 905 हेक्टेयर तथा खुरई विकासखंड के अंतर्गत 8 हज़ार 800 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कार्य किया जाएगा। इन परियोजनाओं में जल संरक्षण के लिए विभिन्न कार्य किए जाएंगे। जिनमें कंटूर ट्रेंच का निर्माण, वृक्षारोपण कार्य, गेबियन संरचना निर्माण, परकोलेशन तालाब निर्माण, चेक डैम निर्माण, तालाब निर्माण, रिचार्ज शाफ्ट निर्माण, फार्म पॉन्ड अथवा खेत तालाब निर्माण और लूज बोल्डर चेक का निर्माण, इस प्रकार मालथोन परियोजना के अंतर्गत वाटरशेड विकास से संबंधित कुल 645 कार्य तथा खुरई परियोजना के अंतर्गत कुल 716 कार्य किए जाने हैं।

कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के सभी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करायें। वाटरशेड के अन्तर्गत जिन संरचनाओं का निर्माण किया जाय वह कारगार साबित हो ताकि जल संरक्षण के साथ भूमिगत जल के संवर्धन में भी मदद मिल सके। कलेक्टर श्री आर्य ने सभी संरचनाओं के गुणवत्तापूर्ण निर्माण किये जाने तथा संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से भ्रमण व मानीटरिंग के भी निर्देश दिये।

विभागीय समन्वय के साथ करें कार्य

कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कहा कि वॉटरशेड विकास के अंतर्गत किए जाने वाले विभिन्न कार्यों हेतु सलाहकार समिति में शामिल विभिन्न विभाग जैसे कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग, पशु चिकित्सा एवं सेवा विभाग, मत्स्य विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जल संसाधन आदि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने मालथोन एवं खुरई  परियोजनाओं के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को निर्देश दिए कि वे उक्त विभागों के साथ समन्वय स्थापित करना सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए जिला वाटर शेड सेल के जिला परियोजना अधिकारी द्वारा निरीक्षण तथा मॉनिटरिंग, जिला स्तर से गठित तकनीकी अधिकारियों तथा प्रशासकीय अधिकारियों के दल द्वारा भौतिक सत्यापन, विकासखंड स्तर पर विकास खंड जल ग्रहण अभियंता द्वारा कार्यों का मूल्यांकन और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा कार्यों के निरीक्षण के भी निर्देश दिए।

बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, जल संसाधन ,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों के विभागीय अधिकारी व वाटरशेड से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।

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