डॉ. संचित चौकसे का डीएम न्यूरोलॉजी में चयन
जिले का पहला मेडिकल छात्र जिसका उच्च चिकित्सा शिक्षा के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में मिला प्रवेश
गजराजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से एमडी में गोल्ड मेडल प्राप्त किया
कटंगी – कटंगी जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायत नान्दी में निवासरत पूर्व जनपद अध्यक्ष शैलेंद्र चौकसे के छोटे बेटे संचित चौकसे ने न्यूरोलॉजी में डीएम के लिए नीट द्वारा मेडिकल प्रवेश परीक्षा में प्रावीण्य अंको के साथ प्रवेश किया है ,जिले एवं कलार समाज मे पहला मेडिकल छात्र संचित का डी एम के लिए चयन हुआ है, बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी संचित ने क्लास फर्स्ट से फोर्थ क्लास तक विवेकानंद इंग्लिश स्कूल कटंगी में शिक्षा ग्रहण किया , पांचवीं से दसवीं तक सैनिक स्कूल नागपुर शिक्षा प्राप्त की इसके बाद इसके बाद ग्यारहवीं से बारहवीं तक एसएफएस कॉलेज नागपुर से हायर सेकेंडरी की शिक्षा मेरिट में पास किया, संचित ने पीएमटी द्वारा एमबीबीएस में जे एन सितासाँवगी मेडिकल कॉलेज वर्धा से उतीर्ण किया, इसके बाद एमडी के लिए मध्य प्रदेश मेडिकल प्रवेश की परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर ग्वालियर के शासकीय गजराराजा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश किया यहाँ से इन्होंने उच्च अंको के साथ प्रावीण्यता हासिल कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया एवं मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया , एमडी की शिक्षा के दौरान ग्वालियर में उन्होंने कोविड-19 के दौरान कोरोना महामारी से पीड़ित लोगों की रात और दिन सेवा की जिसके लिए सरकार से इन्हें कोरोना योद्धा का पुरस्कार दिया , इसके बाद उन्होंने भारतीय चिकित्सा विज्ञान की उच्चस्तरीय शिक्षा डी एम न्यूरोलॉजी की तैयारी की प्रवेश परीक्षा नीट के द्वारा प्रावीण्य अंको के साथ इस परीक्षा में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में एक बनारस विश्व हिंदू विश्वविद्यालय में प्रवेश किया है , बालाघाट जिले से पहली बार किसी छात्र ने चिकित्सा विज्ञान की डी एम परीक्षा में सफलता प्राप्त किया है इनकी सफलता पर इनके पिता शैलेंद्र चौकसे , माँ श्रीमती मधुलिका चौकसे ,भाई संकेत चौकसे, भाई स्वयं चौकसे, भाभी श्रीमती निहारिका ,श्रीमती पूजा चौकसे एवं समस्त चौकसे परिवार एवं समस्त समाज के द्वारा बधाई एवं शुभकामनाएं दी , ग्रामीण अंचल से निकले डॉक्टर संचित ने अपनी इस उपलब्धि के लिए प्रेरणास्रोत अपने शिक्षक अपने दादा गौतमराव चौकसे ,दादी कमला देवी चौकसे एवं माता पिता को श्रेय दिया है, उनका कहना है कि उन्हें शिक्षा देने वाले शिक्षकों परिवार के वरिष्ठ , माता पिता के आशीर्वाद से मुझे यह मकाम हासिल हुआ है, मैं मेडिकल शिक्षा उपरांत जनता की सेवा में सदैव तत्पर रहूंगा मैं अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपने क्षेत्र के लोगों का सुलभ इलाज के लिए हमेशा उपलब्ध रहकर स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रयास करूंगा
*समाचार संकलन प्रफुल्ल कुमार चित्रीव बालाघाट*