तारागिरी युद्धपोत से नौसेना की बढ़ेगी ताकत : सौरभ गुप्ता
मुम्बई, महाराष्ट्र से हमारे सीनियर रिपोर्टर विवेक जैन की रिपोर्ट।
आत्मनिर्भर भारत मुहिम के तहत माझगांव डॉक शिप बिल्डर्स मुम्बई में नोसेना के, पी-17 ए तृतीय युद्धपोत तारागिरी का रविवार को जलावतरण हो गया। माझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड मुंबई के जनरल मैनेजर सौरभ गुप्ता ने बताया कि एनडब्ल्यूडब्ल्यूए पश्चिमी क्षेत्र के वाइस एडमिरल ए वी सिंह की पत्नी चारू सिंह के द्वारा इस युद्धपोत का जलावतरण किया गया। यह 28 नॉट की रफ्तार और मिसाइल व तारपीडो से युक्त शानदार युद्धपोत है। इससे नौसेना की ताकत बढ़ेगी और पाकिस्तान व चीन जैसे देश डरा करेंगे। इस युद्धपोत का निर्माण इंटीग्रेटेड कंस्ट्रक्शन मेथेडेलॉजी से किया गया है। यानी शिप के हिस्सों का अलग-अलग जगहों पर निर्माण हुआ है, फिर उसे लाकर एक साथ इंटीग्रेट यानी जोड़ दिया गया है। बताया कि तारागिरी को बनाने की प्रक्रिया 10 सितंबर वर्ष 2020 को शुरू हुई थी। भारतीय नौसेना को यह अगस्त 2025 तक सौंपा जाएगा। इसका डिजाइन ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन ने बनाया है। यह 149 मीटर लंबा और 58 प्वाइंट 5 फीट चौड़ा है। इसमें चार इंजन होंगे। दो गैस टरबाइन और दो डीजल के, जो इसे पानी में चलने की ताकत देंगे। तारागिरी का डिस्प्लेसमेंट 6670 टन है। यह अधिकतम 59 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से समुद्र की लहरों का सीना चीरते हुए जा सकता है। अगर यह 52 किमी प्रतिघंटा की गति से चलता है तो इसकी रेंज 4600 किलोमीटर है। अगर गति कम करके 33 किमी प्रतिघंटा रखता है तो यह 10 हजार 200 किमी तक जा सकता है। इस पर दो रिजिडि इन्फ्लेटेबल बोट्स तैनात हो सकती है। इस युद्धपोत पर 35 ऑफिसर्स को मिलाकर 150 लोग तैनात हो सकते हैं।