धूमधाम से मनाई गई कृष्ण जन्माष्टमी*
तिराेडी-तिराेडी मे कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई भाद्रपद यानी भादो महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। करीब दो वर्षों की बंदिशों के बाद इस बार जन्माष्टमी का सार्वजनिक आयोजन जगह-जगह किया गया कृष्ण भक्तों का उत्साह चरम पर है।
जन्माष्टमी पर घरों से लेकर मंदिरों तक में विशेष तैयारी की गई आकर्षक सजावट की गई मध्य रात्रि में बाल गोपाल का जन्मोत्सव मनाया गया जन्मोत्सव के बाद श्रद्धालुओ ने गंगाजल, पंचामृत से स्नान कराने के बाद बाल गोपाल को फूलों की माला, विभिन्न प्रकार के पुष्प, घी का दीपक जलाने के साथ माखन मिश्री का भोग लगाया गया। ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन बाल कृष्ण या लड्डू गोपाल की पूजा करने से सभी बाधा दूर होने के साथ पारिवारिक सौहार्द, आपसी प्रेम व मिलाप के साथ जीवन में उन्नति होती है. कृष्ण जन्माष्टमी पर घरों में भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमाओं को विराजित किए जाने के लिए मूर्तिकारों के यहां से श्रद्धालु भक्तो द्वारा प्रतिमा को घर लाया गया जहां विधि-विधान से भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को विराजित कर पूजन और भजन के तथा रात भर के भक्ति भजनों और रतजगे के बाद दिनाक 20 अगस्त को प्रतिमा का विसर्जन कर भगवान श्री कृष्ण को विदाई दी गई।