धूमधाम से मनाया गया छठ पूजा : डूबते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचे हजारों लोग, पुलिस ने की सुरक्षा व्यवस्था
औद्योगिक नगरी पीथमपुर में महापर्व छठ पूजा की धूम है। पिछले दो दिनों पहले नहाय खाय से शुरू हुए इस कठिन उपवास में आज महिलाएं डूबते सूर्य के आगे दिया जला कर पूजा करती हैं। उत्तर भारत का प्रमुख पर्व होने के कारण इस पर्व का महत्व बहुत ज्यादा है।
इस उपवास को नहाय खाय के साथ शुरू किया जाता है। कई प्रकार के खाद्य पदार्थों घर पर बनाएं जाते हे डूबते सूरज को आर्ग देने महिला पुरुष बच्चे घर से पूजन की थाली सजा घर में बनाए सभी पकवान का भोग लेकर बास की टोकरी को सर पर लेकर घर का मुखिया पूजन स्थल पर जाता है। यहां बनी छठी माता पर विधि विधान से पूजन किया जाता है। पानी में खड़े होकर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। पूजन के बाद यही प्रक्रिया सुबह दोहराई जायेगी उसमे उगते सूरज को अर्घ्य दे कर इस महापर्व का समापन होगा।
छठ पूजा पर्व दीपावली से छह दिन बाद शुरू होता है। मान्यता है कि सूर्य पुत्र अंगराज कर्ण प्रतिदिन सुबह जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करते थे और उपासना के बाद उनके पास आकर कोई भी याचक चाहे जो मांग ले, वह खाली हाथ नहीं लौटता था। इसी मान्यता के साथ कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान सूर्य की उपासना करने के लिए छठी उत्सव मनाया जाता है। नगर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार मिश्रा ने बताया कि संजय जलासय तालाब व घाट पर सुरक्षा के लिए पुलिस की व्यवस्था की गई है। तालाब में नाव से निगरानी की जा रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेश पटेल ने बताया की पूजन के लिए घाट पर नगर पालिका का अमला तैनात है। पीने के पानी रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, जिससे की श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।