नई दिल्ली में दहेज के झूठे मुकदमे का मामला आया सामने।
दहेज के मुकदमे में पत्नी ने अदालत में पेश किए दहेज के समान के नकली बिल।
पति को फसाने के चक्कर में खुद ही फस गई पत्नी।
दहेज कानून की आड़ में फर्जी बिल लगाकर पति से दहेज के सामान के रूप में मोटी रकम हासिल करने की चालाकी एक महिला को अब बेहद भारी पड़ने वाली है । महिला के फर्जीवाड़े का अदालत में खुलासा होने पर पुलिस ने महिला व उसकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज कर लिया है । यह मामला सब्जी मंडी थाना क्षेत्र का है । हुआ यूं कि सेक्टर- 6 रोहिणी निवासी ललिता ने अपने पति पंकज के खिलाफ दहेज का एक मुकदमा 1 जून 2011 को रोहिणी में दर्ज कराया था । उक्त मामले में दहेज का आरोप लगाते हुए ललिता व उसकी मां जीत कौर ने पुलिस के समक्ष दहेज के सामान की लिस्ट व सामान के बिल पेश किए और वह सामान वापस दिलाने के लिए अदालत से मांग की दहेज का सामान वापस न लौटा पाने के कारण उक्त मामले में पुलिस ने पंकज व उसके भाई को 12 सितंबर 2011 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया । जेल में 11 दिन रहने के बाद दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई । जमानत पर रिहा होने के बाद पंकज ने अपनी पत्नी द्वारा पुलिस व अदालत के समक्ष पेश किए गए दहेज के सामान के तमाम बिलों की प्रति हासिल कर व्यापार भवन के वैट कार्यालय में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत बिलों के संबंध में जानकारी मांगी । सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी में पंकज को सूचना मिली कि पेश किए गए ज्यादातर बिल झूठे व फर्जी हैं । जानकारी मिलने पर पंकज ने तीसहजारी कोर्ट में एक अर्जी दायर कर पत्नी ललिता व सास जीत कौर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की । पंकज का आरोप है कि उसकी पत्नी ने झूठे बिल पेश कर उसे दहेज के झूठे मामले में फंसाया है । महानगर दंडाधिकारी नीरज गौड़ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को आदेश दिया कि वह आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने व झूठे साक्ष्य तैयार करने का मामला दर्ज करे । अदालत के निर्देश पर सब्जी मंडी थाना की पुलिस ने दोनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 196 , 468 , 471 , 420 , 511 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है । पुलिस ने मामले के संबंध में दर्ज की गई एफआइआर की प्रति अदालत के समक्ष पेश करने हुए उन्हें कार्रवाई की जानकारी दी ।
Report : Akshay Dhawan