नगरपालिका परिषद मलाजखंड को स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार में आखिर किसकी मेहनत
जिस कार्य के ऊपर लगाए जा रहे थे भ्रष्टाचार के आरोप उसी कार्य के लिये मुख्यमंत्री ने किया नगर पालिका परीषद मलाजखण्ड को सम्मानित।
प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री,लोकायुक्त सहित अनेको जगह की गई थी डोर टू डोर कचरा संग्रहण कार्य को शिकायत।
बालाघाट। गत 19 दिसंबर को नगरपालिका परिषद मलाजखंड को वर्ष 2022 में स्वच्छता सर्वेक्षण में मिला वेस्ट जोन 25 से 50 हजार जनसंख्या में राष्ट्रीय स्तर तीसरा पुरस्कार मुख्यमंत्री द्वारा निकाय जनप्रतिनिधियों के बुलाये गये कार्यक्रम में प्रदान किया गया। बताया जाता है कि यह पुरस्कार मलाजखंड नगरपालिका को वेस्ट जोन में 25 से 50 हजार जनसंख्या श्रेणी में स्वच्छता में सबसे तेज प्रगति करने वाले तृतीय शहरा का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। जिसे भोपाल में मलाजखंड के निकाय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से ग्रहण किया।
मलाजखंड नगरपालिका को स्वच्छता सर्वेक्षण में मिला तीसरा पुरस्कार क्या नवगठित परिषद के कार्यकाल में किये गये कार्यो से मिला है, या फिर इसके लिए तत्कालीन 2020-2021 एवं 2021-2022 समय में स्वच्छता को लेकर किये गये कार्यो से मिला है। यह सवाल उन लोगों से है, जो तत्कालीक सीएमओ के कार्यकाल में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण में लंबी चौड़ी शिकायतें पीएम से लेकर सीएम और लोकायुक्त में कर रहे है। जानकारों की मानें तो उस समय तत्कालीन अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा किये गये कार्यो पर सवाल खड़े करते हुए शिकायतकर्ताओं ने लंबी चौड़ी शिकायत की थी। जबकि उस समय जहां तत्कालीन सीएमओ एवं अधिकारी ,कर्मचारियों ने कबाड़ से जुगाड़ लगाकर ना केवल लोरा स्थित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र को सजाया था, बल्कि पौधों को बचाने अनुपयोगी प्लास्टिक बॉटल और अस्पताल में लगने वाली ड्रीप से सिंचाई की नई तकनीक का उपयोग किया था। उस दौरान भी स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर कार्य के लिए नगरपालिका को 3 लाख का पुरस्कार सरकार की ओर से प्रदान किया गया था।
अब जब तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है तो वर्तमान प्रबंधन इस पुरस्कार श्रेय ले रहे है, यह तो उसी तरह है जिस तरह देशी कहावत में कहा जाता है कि मेहनत करेगा मुर्गा अंडा खाये फकीर। हम तत्कालीन सीएमओ एवं अधिकारी ,कर्मचारियों के कार्यो को लेकर किये गये सवालों को जायज नहीं ठहरा रहे है लेकिन जिन शिकायतों को कार्य के आधार पर हर तरह से रिजेक्ट कर दिया गया और भ्रष्टाचार की शिकायत के बावजूद बेहतर स्वच्छता कार्य के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण में तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, वह साबित करता है कि तत्कालीन सीएमओ एवं अधिकारी ,कर्मचारियों जिम्मेदारों ने मलाजखंड नगरपालिका में स्वच्छता को लेकर जो कार्य किये गये थे, वह विश्लेषकों की दृष्टि में सही और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए किये गये थे। जिसका परिणाम आज समझ आ रहा है। किसी भी निर्माण के पूरा होने पर उसका श्रेय लेना ठीक है लेकिन उस निर्माण की नींव को रखने वालों को भुलना, ठीक उसी तरह है जिस तरह हम परिवार में अपने बुजुर्गो को भुल गये। फिलहाल नगरपालिका के तत्कालीन अधिकारियों की बेहतर सोच और स्वच्छता के प्रति किये गये कार्यो का परिणाम है कि 25 से 50 हजार जनसंख्या वाली नगरपालिका मलाजखंड को स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर अवार्ड मिला है और खुशी की बात यह है कि यह राष्ट्रीय अवार्ड सीएम शिवराजसिंह चौहान द्वारा मलाजखंड नगरपालिका के जनप्रतिनिधियों को प्रदान किया गया। जो पुरस्कार के अतित में स्वच्छता को लेकर किये गये अच्छे कार्यो को प्रदर्शित करता है।
बालाघाट से प्रफुल्ल कुमार चित्रीव की खास रिपोर्ट