HomeMost Popularपुलिस और प्रभारी का कार्य फिर व्यवहार फिर स्थानांतरण पर विशेष दिल...

पुलिस और प्रभारी का कार्य फिर व्यवहार फिर स्थानांतरण पर विशेष दिल को छू लेने वाला आत्म लेख…

*पुलिस और प्रभारी का कार्य फिर व्यवहार फिर स्थानांतरण पर विशेष दिल को छू लेने वाला आत्म लेख*

 

आज रामपायली से उकवा स्थानांतरण पर जा रहा हूँ।

मन भावुक हो गया है। 23 नवंबर 2021 को जब मैं लालबर्रा से रामपायली आया तो मेरे लिए सारे चेहरे अजनबी थे न तो थाने के माहौल के बारे में जानकारी थी न तो क्षेत्र के बारे में। टी आई सर का छोटे भाई जैसा प्यार और सारे स्टाफ का एक परिवार के रूप में साथ में रहना,हंसना, बोलना, खेलना ऐसा लगा ही नहीं कि अपने घर से 550 किमी दूर हूँ।चार महीने से ज्यादा का समय कब गुजर गया पता ही नहीं चला।

टी आई सर का बहुत बहुत धन्यवाद मुझे उन्होंने कभी JSI का अहसास नहीं होने दिया हमेशा प्रभारी बना के रखा हमेशा प्रोत्साहित किया। हर थाने को ऐसा ही थाना प्रभारी मिले जो एक कुशल नेतृव का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए सबको आगे बढ़ने का, नेतृत्व करने का मौका देता रहे। टी आई सर में बहुत खूबियां है जो शब्दातीत हैं।

si सुभाष ठाकुर साहब,पंचबुद्धे साहब,पाटिल साहब ने भी हमेशा थाने को मजबूती प्रदान की मेरे प्रति इनका लगाव काबिल-ए-तारीफ रहा। टिल्लू बाबा का जन्म पुलिसिंग के लिए हुआ है परफेक्ट पुलिस अगर किसी को देखना है तो वो राम पायली आ जाये। अपने बीट के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान रखने वाले टी आई सर के अक्षरशः निर्देशों पर चलने वाले और थार रेगिस्तान से भी पानी निकालने वाले नरेंद्र सिंह ठाकुर उर्फ टिल्लू बाबा। मिर्जापुर के होने की वजह से मुझसे अतिरिक्त स्नेह रखा।सदैव अपने चेहरे पर एक रहस्यमयी मुस्कान बिखेरी और सबको अपने मोहपाश में जकड़ लिया। इनका रहस्य सिर्फ ठाकरे मेजर को पता चल पाया है।

ठाकरे मेजर और नीरज के साथ रोज गपशप हुई और कई मौकों पर जिले से बाहर टीम वर्क में जो आनंद आया सफ़र में जो वक्त बीता वो एक एक पल सहेजने लायक है उसे भुलाया नहीं जा सकता। इन दोनों लोगों की जोड़ी कमाल की है कठिन से कठिन परिस्थिति में भी निराश नहीं होते। इनसे मुलाकात बालाघाट टेन्योर के बाद भी होती रहेगी। मेरे दिल के बेहद करीब हमेशा रहेंगे। नीरज तो इतना परिश्रमी और आशावादी की अगर किसी काम को ठान लिया तो उसको पूरा करने के बाद ही चैन लेता है। इन दोनों के साथ अभी एक काम अधूरा छोड़ा है जिसे पूरा करना है।

 

मेरे सुख दुख का साथी शिवाजीत व मथुरा वाले विष्णु जिसे मैंने रात के 12 बजे भी फोन लगाया तो तुरंत रिप्लाई मिला और कभी किसी कार्य के लिए मना नहीं किया। सबसे ज्यादा परेशान भी शिवाजीत को ही किया चाहे पानी भरने में समस्या हो या लाइट या फिर टिफ़िन की या कोई सामान लाना ले जाना हो। रोज सुबह साथ टहलने से लेकर व्यायाम तक, बगिया में पालक, टमाटर,पपीता खाने से लेकर या थाने के सामने नींबू पानी पीने में सबमें साये की तरह साथ रहा। आज आते समय उसकी आंखें भर आईं थी। काश ऐसा सहयोगी हर समय हर जगह मिलता। हम दोनों के रोज सुबह व्यायाम का साक्षी चंदन नदी का पुल व वही कतार में लगे सेमल के वृक्ष व उन पर सुंदर लाल लाल लगे फूल भी रहे।

 

पटले मेजर के लाल पट्टे में जरूर कुछ न कुछ अदृश्य शक्ति छुपी है जो उन्हें सबसे अलग बनाती है। जो किसी को चैन न लेने दे वो होता है थाने का असली मुंशी या दीवान सभी को एकसूत्र में पिरोए व असंतोष न पनपने दे। विनोद मेजर के साथ मिलकर दोनों का कार्य सराहनीय है। शुक्ला मेजर भी अपने आप में बेजोड़ है वॉलीबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल का लोहा मनवाने वाले ,कुशल पियानो वादक, रात दिन ड्यूटी करने वाले, व कुशल व्यंगकार इनके साथ भी खूब टाइम बिताया।

अग्नि बाबा के साथ भले ही थोड़ा कम समय बीता लेकिन बहुत कुछ सीखने को मिला कानून का अच्छा ज्ञान रखते हैं विवेचना का अच्छा अनुभव है थाने के एक मजबूत स्तंभ हैं इनको और cctns उमेश को भी बहुत परेशान किया अपना सारा काम इन्ही से कराया। उमेश के चेहरे की मुस्कान आपकी सारी थकावट दूर कर दे और अपने प्रॉफेशन का अद्भुत ज्ञान रखने की वजह से सभी का सबसे प्यारा, एक अच्छा विवेचक।

थाने के चालक भाईजान से जब भी मिला वो कुछ गुनगुनाते ही मिला। गाने का शौक रखने की वजह से मेरे दिल के करीब रहे जब भी साथ कहीं गए गाते गुनगुनाते ही सफर कटा। धर्म से भले ही मुसलमान हो लेकिन राम रहीम में भेद नहीं किया।मंदिर के सामने से जब भी कभी गुजरा श्रद्धा में वहां भी सिर झुकाया। एक दूसरे के धर्म का यदि ऐसे ही सब आदर करना सीख जाएं तो समूचे विश्व से धर्मान्धता मिट कर अमन चैन कायम हो जाये।

सूचना संकलन सुजीत कोटाँगले भारी भरकम शरीर लेकिन हृदय से अत्यंत ही कोमल अपने काम के प्रति सजग। यशवंत अगासे,खुमान भगत इनमें अपार प्रतिभाएं हैं इन्होंने अभी तक उसे छुपा के रखा है। प्रमोद सेवतिया तो एक प्रोफेशनल क्रिकेटर है अगर उसे बड़े शहरों में कोचिंग का मौका मिलता तो आज पूरा देश उसे जान रहा होता। बैटिंग में ऐसा गज़ब का फुट वर्क, ऐसा शार्ट सेलेक्शन कि देखते ही चेन्नई सुपरकिंग्स की ओपनिंग करा दें।

मनीष बर्मन ने सदैव मेरे समंस वारंट को प्राथमिकता में रखा जिससे रीवा आना जाना लगा रहा।प्रेम दीक्षित और श्याम सिंह ने तो अपने हाथ की रोटी खिला के ऋणी ही बना दिया। प्रेम तो खाना बनाने में इतना कुशल की गृहणियां भी अगर प्रतियोगिता करें तो शायद ही जीत पाएं। राकेश लोधी ड्राफ्ट स्पेशलिस्ट बन चुका है सागर में घर होने से इतनी बार सागर भेजा गया कि एकदम 24 कैरेट खरा हो गया।

 

विनोद कनौजिया,नवनीत कुमरे,अंकित जाटव,बाबा सतपाल,भागवंता,सुनहरी,निकुंज,बारेकर आप सभी ने कुछ न कुछ सिखाया है। आप सभी का हृदयतल से आभार।

रामपायली से बहुत सारी यादें लेकर जा रहा हूँ नए गंतव्य की ओर आप सबकी यादें सदैव मेरे दिल में रहेंगी। अभी तो बालाघाट में बहुत समय बिताना है फिर किसी जगह पर मुलाकात अवश्य होगी। रामपायली की जनता का भी बहुत बहुत आभार जिन्होंने बहुत सारा प्यार व मान सम्मान दिया।उकवा में फिर वही नए चेहरे,नई चुनौतियां।

 

शिवपूजन मिश्रा

चौकी प्रभारी उकवा

जिला बालाघाट (म. प्र.)

 

*समाचार संकलन प्रफुल्ल कुमार चित्रीव बालाघाट*

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular