लांजी अंतर्गत आने वाले ग्राम पाथरगांव का मामला
पूर्व सरपंच द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर बेघर परिवार बैठा भूख हड़ताल पर
लांजी। ग्राम की जनता अपने तथा ग्राम के विकास के लिये जनप्रतिनिधियों का चुनाव करती है ताकि चुना गया जनप्रतिनिधी अपने ग्रामवासियों की समस्याओं का समय पर निराकरण करे और परेशानियों से निजात दिला सके। परंतु लांजी तहसील के ग्राम पाथरगांव में मामला इसके उलट है जहां पर पूर्व सरपंच के पति द्वारा पटवारी और तहसीलदार के साथ मिलकर पहले तो गरीब परिवार के भूमि स्वामी हक पर बने आशियाने को यह कहकर तुड़वा दिया कि वह अतिक्रमण की जद में है। जिससे गरीब परिवार पुरी तरह बिखर गया है। परंतु जब पीडि़त पाथरगांव निवासी धनेश दुरूगकर ने पूर्व सरपंच के घर का सीमाकंन करने का आवेदन दिया जिस पर जांच के बाद पूर्व सरपंच द्वारा शासकीय भूमि पर 22 डिसमिल भूमि पर अवैध कब्जा किया जाना पाया गया।जिस पर कार्यवाही करते हुये तहसीलदार लांजी के न्यायालय में रा.प्र. क..53/अ.68 / 2010-11 के तहत दिनांक 17/02/2011 को बेदखली के आदेश पारित किये गये थे लेकिन आज दिनांक तक अतिक्रमण को नहीं हटाया गया तथा पूर्व सरपंच के परिवार वालो ने अतिक्रमण की कार्यवाही से बचने के लिए सिविल कोर्ट बालाघाट से स्टे लिया गया था जिसे खारिज भी किया जा चुका है उसके बाद भी अतिक्रमण को आज दिनांक तक नहीं हटाया गया। जिसकी शिकायत मेरे द्वारा अनेको बार सीएम. हेल्प लाईन, पीएम हेल्प लाईन एवं जनसुनवाई बालाघाट, श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी रा. लांजी मे की गई लेकिन अतिक्रमण को हटवाने के लिए किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। जिससे आक्रोशित धनेश दुरूगकर अपनी पत्नी तथा पुत्र के साथ तहसील कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गया है।
शासन-प्रशासन की सुस्त कार्रवाई
अपनी मांगों को लेकर धनेश दुरूगकर ने तहसील कार्यलय के सामने बीते 25 अप्रैल से भूख हड़ताल शुरू भी कर दी है तथा शासन प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए 8 अप्रैल 2022 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व तहसीलदार लांजी को ज्ञापन सौंप कर पूर्व सरपंच द्वारा किये गये अतिक्रमण की जानकारी दी थी परंतु आज दिनांक तक कार्यवाही न होने तथा शासन-प्रशासन के सुस्त रवैये से आक्रोशित होकर उसे भूख हड़ताल करनी पड़ रही है। जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन
विदित हो कि लांजी तहसील के पाथरगांव निवासी धनेश दुरूगकर द्वारा की जा रही भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन है। वहीं दूसरे दिन 26 अप्रैल को तहसीलदार भूख हड़ताल पर बैठे धनेश दुरूगकर के पास पूर्व सरपंच के अतिक्रमण पर कार्यवाही किये जाने की बात लेकर गये थे परंतु अनशनकर्ता ने उन्हे कार्यवाही उपरांत ही भूख हड़ताल समाप्त किये जाने की बात कही। जिससे तहसीलदार को बैरंग लौटना पड़ा। अनशनकारी धनेश का कहना है कि नियमानुसार पूर्व सरपंच द्वारा किये गये अतिक्रमण को शासन-प्रशासन को कार्यवाही करते हुए हटाना चाहिए तथा पूर्व सरपंच तथा सरपंच पति पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
*पूर्व सरपंच के द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर बे घर परिवार बैठा भूख हड़ताल पर*
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