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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरेघाट में छह माह में हुई पहली प्रसुति, नही मिली सुविधा 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरेघाट में छह माह में हुई पहली प्रसुति, नही मिली सुविधा

सर्मसर घटना इसका जिमेदार कौन

सुशील उचबगले की रिपोर्ट

गोरेघाट/तिरोड़ी

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जो कटंगी मुख्यालय से 50 किमी दूर है जिसमे 12 गांव गोरेघाट,हेटी, संग्रामपुर, कुड़वा, आंबेझरी, कन्हडगांव, पथरापेट, खैरलांजी, बड़पानी, देवरी, भोंडकी आदि गांव आते है और यहा कोई सुविधा नही है। प्राथमिक स्वस्थ्य केन्द्र गोरेघाट अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन चुका है मगर सुविधा बिलकुल भी नही है और इस स्वास्थ्य केंद्र में किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिलने से प्रसूतिका और बच्चा दोनों परेशान हो रहे हैं पिछले 6 माह में पहले प्रसूति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरेघाट में दाई सुलोचना पिलगेर द्वारा की गई जिसमें सर्वप्रथम प्रसूता श्रीमती नंदनी अनिल जामुनपाने को दर्द आना शुरू हुआ पति अनिल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरेघाट में फोन पर संपर्क किया कि मेरी पत्नी को दर्द शुरू हो चुके हैं और मैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसे लेकर आ रहा हूं लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के में स्टॉप के द्वारा जानकारी दी गई की स्टाफ नर्स यहां नहीं है इसलिए यहां डिलीवरी हो नहीं सकती आप महकेपार या कटंगी लेकर चले जाओ लेकिन अनिल जामुनपाने ने अपनी पत्नी नंदिनी को लेकर उसकी तकलीफ को देखते हुए उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरेघाट में लेकर पहुंचा वहां उपस्थित दाई के द्वारा प्रस्तुति करवाई गई और प्रसुति करवाने के बाद नंदिनी के पति के ऊपर दबाव डाल डाल गया कि अब प्रसूतिका को महकेपार ले जाना पड़ेगा जब वह नहीं माना तब स्टाफ द्वारा एंबुलेंस बुलाकर उसे जबरदस्ती प्राथिमक स्वास्थ्य महकेपार ले जाया गया अब जब की ग्राम गोरेघाट में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद और स्टाफ नर्स श्रीमती गंगा सागर वासनिक की यहां पोस्टिंग है और उन्हें वह यहां मौजूद रहती नहीं है जिसके कारण पिछले 6 माह से किसी भी प्रकार की इस प्राथमिक स्वास्थ्य में प्रसुति नहीं हुई जिससे ग्रामीण जन अधिकतर महाराष्ट्र के तुमसर और भंडारा जाना पड़ता है जिसके कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जो सुविधाएं और प्रसूतिका को जो पैसा मिलता है वह उससे वंचित होना पड़ता है यहां जब इस बारे में डॉक्टर पंकज दुबे बीएमओ से चर्चा की गई तो उनका फोन बंद आ रहा था जिससे उनसे संपर्क नहीं हो पाया अगर श्रीमती गंगासगर वासनिक स्टाफ नर्स को यहां ड्यूटी नहीं करना है तो डॉक्टर पंकज दुबे द्वारा यहां उसे हटाकर किसी और की नियुक्ति करना चाहिए जिससे इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सारी सुविधाएं मिल सके अब जबकि पिछले 20 वर्षों से यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुला हुआ है और यहां इतने वर्ष बीतने के बावजूद इस अस्पताल का दुर्भाग्य और ग्रामीण जन का दुर्भाग्य कहिए कि इस अस्पताल में अभी तक कोई भी डॉक्टर यहां नहीं पहुंचा है अगर नियुक्ति के बावजूद भी अगर कोई यहां नहीं पहुंचता तो उसे तत्काल निलंबन की कार्रवाई करना चाहिए लेकिन डॉक्टर पंकज दुबे द्वारा अपने अधिकार का प्रयोग नहीं किया जाता जिससे अस्पताल की हालत बाद से बदतर होती जा रही है और कर्मचारी इनके संरक्षण में मजा मार रहे हैं अब तो यह अस्पताल की ऐसी हालत हो गई है कि यहां कोई भी मरीज जाना पसंद नहीं करता और महिला फार्मासिस्ट की भी इस अस्पताल में पोस्टिंग की गई उन्होंने बताया कि मुझे ग्राम गोरेघाट के अस्पताल में सप्ताह में 2 दिन की ड्यूटी दी गई है और बाकी दिन कटंगी में ड्यूटी करना है क्या इन दो दिनों में मरीज अपनी दवाई लेंगे और बाकी सप्ताह के 5 दिन बिना दवाई के कैसे रहेंगे यह डॉक्टर पंकज दुबे को सोचना चाहिए और उसे हिसाब से यहां की व्यवस्था देखना चाहिए लेकिन इस अस्पताल को ऐसे लावारिस छोड़ दिया गया है कि यहां कभी कोई भी अधिकारी यहां दौरा नहीं करता है और ना ही जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दे रहे।

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नही मिली सुविधा तो लगेगा ताला

ग्राम गोरेघाट निवासी और भूपु सरपंच रमन बिटले और जन सेवक आनंद खेडकर ने प्रेस को जानकारी दी की अगर एक सप्ताह में डा पंकज दुबे यहां की व्यवस्था नही सुधारते तो हम इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा देंगे और वह ताला तब तक नहीं खुलेगा जब तक यहां स्टाफ नही आ जाता।

वर्तमान में इस आरोग्य केंद्र में स्टाफ नर्स गंगासागर वासनिक जो है नही, श्रीमति वनिता रहागडाले, श्रीमति धानेश्वरी घोरमारे, श्रीमति मालाधारी, श्रीमति सुनैना चित्रीव, श्रीमति सुलोचना पिलगर, रितेश रामटेके, संदीप बागड़े आदि है जो अपना अपना कार्य कर रहे है।

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