छात्र ने भाइयों के साथ मिलकर रची अपहरण की झूठी कहानी
जनपद बरेली आंवला _ आंवला तहसील के थाना सिरौली क्षेत्र में एक वी ए के छात्र को हरिद्वार से पकड़कर पुलिस ने छात्र द्वारा रची गई अपहरण की झूठी कहानी का खुलासा कर साजिश में शामिल छात्र व उसके भाइयों को जेल भेज दिया।
सोमवार को हरदासपुर का छात्र लेखराज के अपहरण की खबर फैलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। छात्र के भाई जयप्रकाश ने गांव के चार लोगों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए नामजद तहरीर दी थी। सिरौली पुलिस ने छात्र की तलाश में टीमें लगा दी थी। मंगलवार देर रात पुलिस ने छात्र को बरामद कर लिया। पूछताछ पर छात्र के अपहरण की सारी कहानी झूठी निकली। छात्र ने पुलिस को बताया कि वह गुलड़िया के एक कालेज में परीक्षा देने के लिए घर से निकला था। इसी बीच वह मनकरा जगन्नाथपुर के कालेज में एडमिट कार्ड लेने गया। फीस जमा न होने से एडमिट कार्ड नहीं मिला। इसके बाद छात्र ने अपने भाई जयप्रकाश और पुन्ना पुर के अपने ममेरे भाई लेखराज के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी रच दी। छात्र अपनी बाइक से हरदासपुर के समीप एक मंदिर के पास पहुंचा और बिलेड से हाथ में चीरा लगाकर ख़ून निकाला। ख़ून से ख़ुद ही कमीज़ पर धब्बे लगाए और मोटर साइकिल पर रख दी। इसके बाद ममेरे भाई लेखराज को फोन पर गांव के लोगों द्वारा अपरहण कर ले जाने की बात कहकर छात्र बाइक वहीं छोड़कर आंवला पहुंचा। यहां से वह सवारी द्वारा चंदौसी और रेल से हरिद्वार पहुंच गया। हरिद्वार पहुंच कर छात्र ने उत्तराखंड पुलिस को डायल १०० पर फोन कर बताया कि कुछ लोग उसे अपहरण कर लाए थे और यहां पर छोड़ गए हैं। सूचना पर चौकी इंडस्ट्रियल एरिया थाना रानीपुर पुलिस छात्र को ले गई। हरिद्वार पुलिस ने सिरौली पुलिस को सूचना दी। सिरौली पुलिस मंगलवार देर रात में छात्र को हरिद्वार से सिरौली ले आई। पुलिस ने छात्र से पूछताछ की तो उसने पुलिस को बताया कि उसका गांव के जयहिंद, विनोद, अरविंद और वीरेंद्र से ज़मीन बंटवारे का मुकदमा तहसील में विचाराधीन है इसको लेकर दो दिन पूर्व झगड़ा हुआ था। जिसमें विपक्षियों ने उसके भाइयों और पिता को बुरी तरह से पीटा था। इन्हीं लोगों को फंसाने के लिए उसने भाइयों के साथ मिलकर ख़ुद के अपहरण की झूठी कहानी रची थी। बुधवार को पुलिस ने छात्र और उसके भाइयों जयप्रकाश और लेखराज को एक साज़िश रचने का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट