नहर मे पानी न आने से चार गांवो के किसानों के सामने सिंचाई का संकट।
सिंचाई के अभाव मे किसानों की गन्ने की फसल हि रही बर्बाद।
देवरनिया। ढोरा नहर में पानी न आने के कारण इलाके के चार गांवो के किसानों के सामने सिंचाई का संकट खडा हो गया है।जिससे किसान बेहद परेशान है,क्योकि उनकी गन्ने की फसल सूखने लगी है। किसानों का आरोप है,कि सिंचाई महकमे के कर्मचारियों से सांढ-गांठ कर तेजनगर टेल तक आने वाले पानी को उत्तराखण्ड सीमा के किसान नहर को बांधकर साठा धान की सिंचाई करते है। रिछा नगर पंचायत के पूर्व चैयरमैन सहित तमाम किसानो ने इस मामले की शिकायत आला अधिकारियो से की है।
रिछा,तेजनगर,हाफिजगंज,मंगतपुर,सिंधौरा के रहने वाले किसान बाबू तनवीर, जुबैर अहमद, चोपी,आरिफ,वफाउर्रहमान, अब्दुल खालिक, रामप्रकाश, प्रेमपाल, बाबू आदि किसानों का कहना है,कि सिंचाई विभाग उनके साथ के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। ढोरा नहर में तेजनगर टेल से नीचे पानी केबल बरसात में देखने को मिलता है। किसानों का कहना है,कि इन दिनो उनको सिंचाई के पानी की आवश्यकता है।मगर वह इससे बंचित हैं।क्योकि ढोरा जलाशय से जो पानी आता है ।उसे तेजनगर टेल पर अधिकारियो से मिलकर बांध दिया जाता है। क्योकि उधर के किसान साठा धान की फसल पैदा करते है ।उन्हे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है तो वह जब चाहे तब नहर बांध लेते है। और सिंचाई करते हैं। नगर पंचायत रिछा के पूर्व चैयरमैन बाबू तनवीर अहमद ने वताया कि इस ढोरा नहर में गन्ने की सिंचाई के लिए पानी कभी आता ही नही है जिससे सिंधौरा,हाफिजगंज,मंगदपुर,रिछा के किसान सिंचाई करने के लिए मायूस बैठे रहते है ।उन्हे सिंचाई के लिए पंपसैट चलाने पङते है। पंपसैट चलाने में उन्हे डीजल पर अतिरिक्त खर्च करना पङता है जबकि तेजनगर टेल तक पानी आता है। उसी पानी से सभी किसान सिंचाई कर सकते है ।पर अधिकारियो की मिली भगत से ऐसा हो पाना संभव नही है।
उक्त गांवो के किसानो व पूर्व चैयरमैन ने इस मामले की शिकायत सिंचाई विभाग के आला अधिकारियो को पत्र देकर की है।