उत्तर प्रदेश जिला बरेली संवाददाता फय्याज खान
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आजादी से लेकर आज तक 25 गांव के लोग तरस रहे थे पुल को पुल बन जाने से
35 किलोमीटर का रास्ता मात्र 5 किलो मीटर में बदला गया
शेर
चले चलिए के चलना भी दलीलें काम रानी है
जो थक के बैठ जाता है वह मंजिल पा नहीं सकता यह बात उत्तर प्रदेश के जिला बरेली विकासखंड क्यारा के गांव नबीनगर के प्रधान पति सलीम शाह ने अपनी कोशिशों से साबित कर दी बता दे क्या है पूरा मामला आजादी से लेकर आज तक लगभग 25 गांवों के लोग एक पुल के लिए परेशान थे जिसके बारे में इसी गांव के प्रधान पति सलीम शाह ने इस तरफ गहराई से सोचा और अपने जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र पटेल को इस बड़ी समस्या से अवगत करा कर स्थानीय लोगों की एक बड़ी परेशानी को जिला पंचायत द्वारा पुल को बनाकर स्थानीय लोगों को बरसात का तोहफा दिया मगर तोहफे के साथ-साथ जो चीज दिखाई दी वह यह है एक तो पुल पर सुरक्षा दीवार जो नहीं वनी दूसरा दोनों तरफ से खरंजा नहीं है इस चीज की तरफ इशारा कर रहा है एक बरसात भी झेल नहीं पाएगा यह पुल कहीं ऐसा ना हो तेज बरसात में दोनों तरफ से मिट्टी बह जाए और बीच नदी पर लाखों रुपए से बना पुल कही तन्हा खड़ा नजर न आए ऐसा हुआ तो सरकार के लाखों रुपए का चुना लगना निश्चित है माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष
रश्मि पटेल जी उद्घाटन से पहले इस तरफ़ ग़ौर करती तो चार चांद लग जाते मगर पुल के उद्घाटन की जल्दी में इसको नजरअंदाज कर दिया गया इस अधूरे कार्य से स्थानीय लोगों में खुशी के साथ यह चिंता बनी हुई है कहीं उनका हाल पहले जैसा ना हो जाए पुल उद्घाटन के मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ उनके प्रतिनिधि प्रशांत पटेल जी जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र पटेल व उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य 59 से कौशर खान वारसी नवी नगर प्रधान पति सलीम शाह उनके पुत्र मोहसिन अली परगवा से जुबेर अली आदि मौजूद रहे देखिए बरेली से हमारे संवाददाता फय्याज खान की यह रिपोर्ट