*बुलंदशहर (यूपी)*
*ब्यूरो रिपोर्ट शकील सैफ़ी*
*स्थान अनूपशहर*
*स्लग*
*हज़रत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में अपनी और अपने परिवार वालों की कुर्बानी देकर अपने नाना के दीन की हिफाज़त की थी*
*एंकर*
बताया जाता है कि करीब 1400 साल पूर्व यजीद नामी व्यक्ति ने इस्लाम और शिक्षा को मानने से इंकार कर दिया था उसकी हुकूमत में इस्लाम में जिन बातों को हराम करार दिया था वह सब जायज़ थी यजीद इस्लाम और इंसानियत को खत्म करना चाहता था सभी लोगों से अपनी अधीनता स्वीकार करा रहा था मगर हज़रत इमाम हुसैन ने उसकी अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर दिया था और वह सच्चाई के रास्ते इंसानियत की भलाई के लिए डटे रहे
यजीद ने हज़रत इमाम हुसैन के खिलाफ जंग-ए-ऐलान कर दिया
हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों ने दी थी कुर्बानी हक़ के रास्ते पर चलते हुए इंसानियत को बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देकर चांद की दसवीं तारीख को शहीद हुए थे
वहीं दूसरी ओर थाना प्रभारी यज्ञदत्त शर्मा व क्राइम इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद गौतम तहसीलदार बालेन्दु भूषण और नगरपालिका ई ओ संजय वर्मा को कमेटी के द्वारा पगड़ी बांध कर सम्मानित किया गया
संपूर्ण अनूपशहर क्षेत्र में निकलने वाले ताजियों के जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा
थाना प्रभारी निरीक्षक यज्ञदत्त शर्मा, क्राइम इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद गौतम, एस एस आई संदीप कुमार, एस आई, विपिन आर्य, एस आई आर डी शर्मा, तैनात रहे
कमेटी में एडवोकेट जावेद अख्तर, एडवोकेट शैख रिहान, एडवोकेट आकिब गाज़ी, सपा नगर अध्यक्ष राशिद गाज़ी, अब्दुल अलीम, नईम मेम्बर, आरिफ मेम्बर आदि लोग मौजूद रहें
*बाइट जावेद अख्तर*
*बाइट राशिद गाज़ी*
*9/8/2022*