भोपाल-
भारतीय संविधान बचाओ मंच. दलित पिछड़ा समाज संगठन .प्रांतीय कुशवाहा समाज.
मध्य प्रदेश के तत्वाधान में चक्रवर्ती सम्राट अशोक शिक्षा के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा राव फुले एवं भारत रत्न संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब की संयुक्त जयंती महोत्सव के अवसर पर नेतृत्व विकास एवं सार्वजनिक मर्यादा पर परिचर्चा हेतु पीपुल्स थिएटर ग्रुप की शानदार नृत्य की प्रस्तुति की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कमलनाथ जी पूर्व मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश उपस्थित रह। साथ ही माननीय अरुण यादव , सज्जन सिंह वर्मा जयवर्धन सिंह, कमलेश्वर पटेल सहित अन्य अतिथि गणों ने रविंद्र भवन पॉलिटेक्निक चौराहा पर विशाल कार्यक्रम मे शिरकत की।
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं चक्रवर्ती सम्राट अशोक की जयंती 9 अप्रैल को संपूर्ण भारतवर्ष में मनाई जाती है ।चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के शासक थे। उन्होंने अखंड भारत पर राज्य किया एवं इसके साथ ही मानवतावादी धर्म ग्रहण किया एवं अपने पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को भी पूरे विश्व में बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए प्रेरित किया। वर्तमान में सम्राट अशोक द्वारा प्रवर्तित कुल 33 अभिलेख प्राप्त हुए हैं. जिनमें से सांची जिला विदिशा में उनके द्वारा बनवाया शिलालेख प्रमुख है। बौद्ध धर्म के साथ-साथ उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया ।उन्होंने अपने समय में 23 विश्वविद्यालयों की स्थापना की ,जिसमें तक्षशिला ,नालंदा विक्रमशिला विश्वविद्यालय आते हैं ।
वही 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा राव फुले एक अति पिछड़े गरीब परिवार में जन्मे जिन्होंने दलित पिछड़ों और शूद्रों को शिक्षा का अधिकार दिलाया एवं इसके साथ ही अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को भी शिक्षित किया ,और उन्होंने भी महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए एवं देश की पहली कन्या पाठशाला पुणे में विधवाओं का पुनर् विवाह एवं आश्रम भी खोला ।सत्यशोधक समाज की स्थापना की। और शिक्षा के लिए क्रांतिकारी काम किया है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891में महू (अंबेडकर नगर) इंदौर में हुआ था. बाबा साहब एक लोकप्रिय .अर्थशास्त्री. राजनीतिक और समाज सुधारक थे ।उन्होंने दलित आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था ,एवं श्रमिकों किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया ।बाबा साहब स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री रहे।
भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता थे। बाबा साहब ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी ।बाबा साहब को 11 भाषाओं का ज्ञान था एवं 32 किताबे और मोनोग्राफ की रचना की है।अपने लेखन एवं आंदोलनों के माध्यम से उन्होंने दलितों को देश की समस्याओं पर प्रकाश डाला एवं आजीवन देश में व्याप्त कुरीतियों और छुआछूत के खिलाफ संघर्ष किया है। दिसंबर 1956 को बाबा साहब का परिनिर्वाण हुआ एवं 1990 में भारत रत्न दिया गया है ।
इन तीनों महापुरुषों की जयंती समारोह का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों ने शिरकत की ।जिसमें बालाघाट से वरिष्ठ समाजसेवी, बौद्ध चिंतक ,युवा नेता इंजी प्रशांत (भाऊ )मेश्राम जन्मभूमि टाइम्स के प्रधान संपादक सुरेंद्र गजभिए. रजनीश नकाशे. जय रंजन बिझोड़ें लोकेश भारत कर, राहुल, संजय वैद्य उपस्थित रहे।
सफल कार्यक्रम के आयोजक -माननीय दामोदर सिंह यादव दलित पिछड़ा समाज संगठन राष्ट्रीय अध्यक्ष .माननीय सुनील बोरसे संविधान बचाओ मंच के अध्यक्ष योगेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा समाज अमित बंसोड.सुनील कुशवाहा .गोपाल कुशवाहा .कमल सिंह कुशवाहा .सौरव यादव. अमोल रावत .बल बहादुर बघेल. मोहर सिंह कोली. आनंद जमधाडे. विलास बल्ले .अजय साल्वे. सहित पूरी टीम भोपाल इस आयोजन मे तन मन धन से लगकर इस कार्यक्रम को 30/4/2022 को सफल बनाएं।