भारत की आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से कड़ा मुकाबला किया था, जिसके चलते उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा.आजादी की लड़ाई के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू को बरेली केंद्रीय (सेंट्रल) जेल में करीब 06 महीने तक रखा गया था. उनको अहमदनगर फोर्ट जेल से बरेली सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया
यूपी हेड वीरेन्द्रसिह
कैदी नंबर 582 के रूप में काटी सजा
कैदी नंबर 582 के रूप में बरेली जेल की बैरक में रहने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गांधी चरखा चलाकर सूत की कताई की थी. उनसे अंग्रेजों ने कड़ा श्रम कराया था. उनके रिहा होने के बाद जेल की बैरक का नाम नेहरू बैरक रख दिया गया है. मगर, अब इस जेल में आजीवन कारावास के मुलजिम सजा काटते हैं. सेंट्रल जेल के भवन में क्रांतिकारियों की अब भी यादें कायम हैं.
इस मामले में दर्ज हुआ था केस
देश की आजादी की लड़ाई के वक्त पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ डिफेंस ऑफ इंडिया रेगुलेशन एक्ट 1915 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था. बरेली के जेल के दस्तावेजों के अनुसार, पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम कैदी नंबर 582 के रूप में दर्ज है. केंद्रीय जेल में कुल 592 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कैद किया गया था. पूर्व पीएम को सेंट्रल जेल की गड्ढा बैरक की ए श्रेणी में रखा गया था. उनकी जेल में रहने के दौरान 42 वर्ष की उम्र थी, जबकि 126 पाउंड वजन दर्ज है. इसके साथ ही लंबाई 5 फुट साढ़े छह इंच थी.
जेल में रहते हुए की थी कड़ी मेहनत
उन्होंने जेल में रहने के दौरान गांधी चरखा चलाकर सूत की कताई की.अंग्रेज सिपाहियों ने पंडित नेहरू से कड़ा श्रम कराया था. उनको अहमद नगर फोर्ट जेल से 31 मार्च 1945 बरेली सेंट्रल जेल में लाया गया था. वह करीब 06 महीने बरेली सेंट्रल जेल में रहे थे. इसके बाद 10 सितंबर 1945 को अल्मोड़ा 06 जून की जेल भेज दिया गया.
यूपी के पहले मुख्यमंत्री भी काट चुके हैं जेल
बरेली में पंडित नेहरू के साथ यूपी के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत भी जेल में बंद रहे थे.पंडित जवाहर लाल नेहरू की अपनी आत्मकथा में भी बरेली जेल के दिनों का जिक्र किया गया है. पंडित नेहरू के जेल से छूटने के 2 वर्ष बाद देश को आजादी मिल गई थी. सेंट्रल जेल में बड़ी संख्या में बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. जिन्हें नेहरू बैरक के माध्यम से अच्छाई की ओर प्रेरित करने वाले संस्करण भी दिखाए जाते हैं. कारागार में उनके रहने की अवधि आदि का पत्थर बैरक के बाहर लगा है.
पंडित नेहरू 1922 में पहली बार गए जेल
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बैरिस्टर थे. उनका परिवार जमींदार था. खानदानी रईस होने के बाद भी पंडित नेहरू देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग-ए -आजादी की लड़ाई में कूद गए थे. वह सबसे पहली बार 1922 में जेल गए थे, जबकि अंतिम बार 1945 में जेल गए. पंडित नेहरू को 09 बार जेल जाना पड़ा. सबसे कम 12 दिनों के लिए, जबकि सबसे अधिक 1,041 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. अंग्रेजों की जेल होने के कारण सश्रम कारावास दिया गया था.