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*भ्रष्टाचार का बोलबाला* * किन्हीं सरपंच और इंजीनियरिंग छीन रहे मजदूरों का हक*

*भ्रष्टाचार का बोलबाला*

*सरपंच और इंजीनियरिंग छीन रहे मजदूरों का हक*

*शिकायत के बाद भी नहीं थम रही सरपंच की मनमानी*

*मजदूरों का हक छीन कर सरपंच कर रहा जेसीबी मशीन से निर्माण कार्य*

 

बालाघाट जिले के वारासिवनी/ खैरलांजी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत किन्ही में मनरेगा से लघु तालाब शांति धाम के पास निर्माण कार्य चालू है ।जिसकी कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत किन्ही के द्वारा कार्य करवाया जा रहा है । साथ ही जब  टीम ने मौके पर चल रहे काम का जायजा लिया जिसमें महिलाओं द्वारा सरपंच एवं मेट पर भी फर्जी तरीके से मस्टर रोल भरा जा रहा है जब सत्यता को जाना तो पाया कि 49 मजदूरों की हाजरी लगवाई गई है परंतु मौके पर मात्र 36 मजदूर कार्य कर रहे थे जो नियम विरुद्ध भ्रष्टाचार को बढ़ावा किया गया था जिसमे मजदूरों का हक छीन कर सरपंच द्वारा मनमानी तरीके से दबंगई तरीको से मजदूरों को अपना धौंस दिखाकर रात्रि में जेसीबी मशीन से निर्माण कार्य किया जा रहा है ।

इसके पूर्व में भी लघु तालाब और सी सी नाली में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से कार्य करवाया जा रहा था जिसकी ग्रामीणों की सूचना द्वारा शिकायत भी की गई जांच में सत्य पाया गया पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई । भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप इंजिनियर इरफान कुरेशी और सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत का मामला नया नही है इनका भ्रष्टाचार के साथ चोली दामन का खेल लंबे समय से चल रहा है जिसका जीता जागता उदाहरण है लघु तालाब में जेसीबी मशीन से कार्य जो करवाया जा रहा है ? वहीं बड़ी। शेखी बघारने वाले सरपंच की पोल मजदूरों ने खोली जिसमें शासन के द्वारा निर्धारित मजदूरों को 100 दिन का काम नही मिल पा रहा है । केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा
किसानों के लिए नई नई योजना निकालकर मजदूरों का पलायन रोकने एवं स्थानीय स्तर पर काम दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरपंच और इंजीनियर मिलकर मजदूरों का नियम विरुद्ध कार्य करा कर हक छीन रहे हैं । ज्ञात हो कि इसके पूर्व में भी महिला मजदूरों के साथ अभद्र तरीके से व्यवहार का मामला खरखड़ी पंचायत के महिला मजदूरों द्वारा लगाया गया था और इसी तरह सरपंच और इंजीनियर नियम विरुद्ध जेसीबी मशीन से कार्य करवा रहे हैं । मजदूरी कर रहे मजदूर के द्वारा बताया गया कि शासन के निर्धारित मूल्य ना देकर 150 रूपए दे रहे जो मजदूरों के साथ सरासर नाइंसाफी है। सरकार के द्वारा 221 रुपए मजदूरी देने का नियम है। वही सरपंच और इंजीनियर मिलकर शासन की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं।

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