सागर – अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में हर वर्ष, विश्व भर में मनाये जाने वाले, विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में, बुंदेलखंड चिकित्सा महाविधालय, सागर के स्त्री रोग विभाग, बाल्य एवं शिशु रोग विभाग, सागर ओब्सटेट्रिक एवं गायनेकोलोजिस्ट सोसाइटी एवं इंडियन अकादमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स, ब्रांच सागर के संयुक्त तत्यावाधान में, विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत स्तनपान को बढावा देनें एवं उस से सम्बंधित भ्रांतियों को मिटाने हेतु, बुंदेलखंड चिकित्सा महाविधालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम में प्रमुखता से, स्तनपान से माँ एवं बच्चे को होनें वाले फायदों पर जनसामान्य को जानकारी दी गयी ।
साथ ही साथ यह भी बताया गया की नवजात बच्चे को जन्म के तुरंत बाद ही स्तनपान कराना है एवं ६ माह की उम्र तक जारी रखना है ।
जन्म से ६ माह की उम्र तक माँ का दूध ही बच्चे के लिए सर्वोत्त्तम एवं सम्पूर्ण आहार है एवं ६ माह का होनें तक बच्चे को घुट्टी, पानी अथवा कोई भी ऊपरी तरल पदार्थ न दें ।
स्तनपान से सम्बंधित यह जानकारी प्रमुखता से डॉ. आर. एस. वर्मा, डॉ एस. के. पिप्पल, डॉ, ज्योति चौहान, डॉ. शीला जैन, डॉ मोना केशरवानी, डॉ. जाग्रति किरण नागर नें दी ।
आई ए पी की तरफ से कार्यक्रम का संचालन डॉ अंकित जैन नें किया एवं उपस्तिथ डॉक्टर्स एवं जनसामान्य लोगों का आभार माना ।
कार्यक्रम में, डॉ. तरुणा शर्मा, डॉ. सुषमा पिप्पल, डॉ. शालिनी हजेला, डॉ. प्रियंका पटेल, डॉ. रविकांत अरजरिया, डॉ. प्रियंका तिवारी, डॉ. संगीता भार्गव, डॉ. अजित आनंद असाटी, डॉ. रूपा अग्रवाल, डॉ. अब्दुल फ़िरोज़ खान, स्नातकोत्तर छात्र एवं नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहा ।
माँ का दूध ही नवजात शिशु के लिए सम्पूर्ण आहार है :- डॉ. वर्मा
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