रोज रोज घटित घटना से दुखी युवाओं ने श्रमदान कर भरा मार्ग का गड्ढा
( सर्वधर्म सेवा समिति उकवा के स्वयंसेवियों ने किया श्रमदान)
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बालाघाट से बैहर राज्य मार्ग में बसे खनिज नगरी के नाम से विख्यात ग्राम उकवा के रेंज ऑफिस एवं बाबा की दरगाह के मध्य मुख्य हाइवे मार्ग में बीचों बीच सड़क में एक बहुत बड़ा गड्ढा हो गया था, जो विगत एक माह से भी अधिक समय से बना हुआ था, जहा लगातार बारिश होने के कारण सड़क के बीच में बने गड्ढे में कटाव होते होते गड्ढा दिनों दिन बहुत बड़ा हो गया ,और डामरीकृत सड़क में कल्पना से परे इतने बड़े गड्ढे का अंदेशा लगाए बिना वाहन चालक एकाएक ब्रेक लगाने के कारण अनेक बार गड्ढे में गिर जाते थे ,या किसी अनचाहे दुर्घटना का शिकार होते थे,मुख्य मार्ग में बना गड्ढा कितना भयानक हो गया होगा था ,
इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते है, की विगत दिनों महाराष्ट्र राज्य से मलाजखंड कॉपर खदान जा रहा बड़ा सा कंटेनर गड्ढे में दजके के कारण सड़क में पलट गया ,और वाहन चालक सौभाग्य शाली था ,जो इस दुर्घटना में बाल बाल बच गया, परंतु विगत दिनों हुई निरंतर बारिश से गड्ढे के उपर से पानी जा रहा था ,जिस कारण पहली बार इस मार्ग से आने वाले दो पहिया वाहन चालकों को मार्ग का अंदाजा न होने के कारण एक ही दिन में तीन दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हुए ,जिसमे एक मासूम बच्चा भी जख्मी हुआ ,जिसे देख कर उकवा के सभी युवा अति दुखी हुए और उन्होंने श्रमदान कर इस मार्ग को दुरुस्त करने की ठानी और ग्राम की सामाजिक संस्था सर्वधर्म सेवा समिति उकवा के आह्वान पर सभी स्वय सेवी अपने हाथो में गैती फावड़ा टोकरी ले कर उक्त स्थल में पहुंच कर निरंतर 4 घंटे से अधिक समय तक श्रमदान कर संपूर्ण मार्ग को स्वय अपने हाथो से तैयार किया, जिसे देख कर प्रतिदिन इस मार्ग से आने जाने वाले राहगीरों जो इस गड्ढे के कारण अत्यधिक परेशान रहते थे ,वे सभी सेवा दे रहे युवकों का उत्साह देख कर उक्त स्थल में रुक कर सभी स्वयसेवियो का ह्रदय से शुक्रिया अदा कर रहे थे, और इस नेक कार्य की मुक्त कंठ से सराहना कर काम कर रहे युवकों को खुशी से कुछ राहगीर चाय और पानी भी पिला रहे थे,और बड़े छोटे वाहन मालिकों ने भी इस कार्य की जमकर प्रशंशा की,और युवाओं के इस जोश की तारीफ की,इस पुनीत कार्य में सेवा समिति के अध्यक्ष जेम्स बारीक के साथ स्वय सेवी सचिव नितिन कुमार, सहसचिव संतोष सोनी,वरिष्ठ सहयोगी नरेश बघेल,सचिन पदमें,रविराज बिसेन,राजेश रागड़े ,अशोक राउत,सुभम चिचखेड़े,आलोक नाग, पोलुश नंद,अशोक बिसेन, रूपेश ऊईके,राहुल अड़में
आदि ने अपना समय और श्रमदान कर इस पुनीत और नेक कार्य को पूर्ण किया,और संकल्प किया की भविष्य में भी ऐसे कार्य निरंतर जारी रहेंगे।