*लांजी किरनापुर विधानसभा क्षेत्र में हो रही अघोषित बिजली कटौती से आमजन एवं रबी की खेती करने वाले अन्नदाता किसान हलकान परेशान… तपेश कालबेले*
लांजी
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में रबी धान की सबसे अधिक फसल लगाई जाती है, लेकिन किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिलने से रबी की फसल लगभग बर्बादी की कगार पर, इस भयंकर समस्या को लेकर पूर्व में भाजपा जिला अध्यक्ष श्री रमेश भटेरे जी के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया साथ ही माननीय मुख्यमंत्री को पत्र भी प्रेषित किया गया उसके बाद क्षेत्र की विधायक सुश्री हिना कावरे द्वारा भी इस गंभीर समस्या को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया एवं शासन एवं प्रशासन को चेतावनी भी दी गई उसके बावजूद भी यह समस्या का हल अभी तक नहीं हो पाया है, जो कि खेती करने वाले अन्नदाता किसानों एवं ग्रामीण जनता के साथ छलावा प्रतीत होता है यह अघोषित बिजली कटौती सिर्फ और सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही होती है समस्याओं के साथ यह भेदभाव पूर्ण रवैया सिर्फ ग्रामीण जनता ओं के साथ समझ से परे।
किसान तो किसान होता है उनकी कोई पार्टी नहीं होती यह जनप्रतिनिधि समझते भी हैं लेकिन किसानों की समस्याओं पर विद्युत विभाग का यह रवैया अन्नदाता किसानों एवं ग्रामीण जनता के लिए अत्यधिक पीड़ा दायक है,
2 लांजी किरनापुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में लांजी का सिविल अस्पताल साथ ही किरणापुर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है यूं तो शासन प्रशासन के द्वारा वर्तमान में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जा रहा है जबकि वास्तविकता जमीन पर कुछ और ही बयां करती है अस्पतालों में जितने डॉक्टर होना चाहिए उनकी संख्या भी बहुत कम है। जिसके कारण ग्रामीण जनता को 50 से 60 किलोमीटर दूर जाकर अपना ट्रीटमेंट कराना पड़ता है एवं सोनोग्राफी आदि के लिए ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
3 बढ़ती महंगाई के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास निर्माण के चक्कर में गरीब परिवार कर्ज में दब रहे हैं एक और केंद्र एवं राज्य सरकार गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का बहुत गुणगान एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है लेकिन जमीन पर इसकी हकीकत महंगाई की वजह से हितग्राही अपना मकान निर्माण कार्य के लिए कर्ज में दब रहे हैं इस योजना में शहरी एवं ग्रामीण हितग्राहियों के बीच राशि का अंतर बहुत है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाना चाहिए जिससे कि गरीब परिवार इस योजना के लाभ के लिए महंगाई के बीच में कर्ज लेने से बचा रहे।
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क्षेत्र में शिक्षित बेरोजगारों की दर सबसे ज्यादा है इस क्षेत्र से आने वाले जनप्रतिनिधियों ने रोजगार के लिए कोई प्रभाव कारी एवं कठोर कदम नहीं उठाया जिससे यहां पर उद्योग धंधों की दरकार है जिसकी वजह से जिले के अधिकतर शिक्षित एवं युवा वर्ग के साथ-साथ मध्यमवर्गीय लोगों को भी पलायन के लिए मजबूर होना पड़ता है।
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सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जावे- मध्य प्रदेश सरकार बुजुर्गों के सम्मान की बात करती है इसी तारतम्य में सरकार द्वारा बुजुर्गों के लिए तीर्थ दर्शन योजना पुनः एक बार प्रारंभ कर दी गई है लेकिन प्रदेश के बुजुर्ग पेंशन धारियों को उनका वाजिब हक देने में लेटलतीफी से हजारों पेंशन धारी बुजुर्ग बहुत अधिक परेशान है इनकी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए तभी सरकार की बुजुर्गों की सम्मान की बात बुजुर्गों के लिए लाभकारी एवं शासन के लिए पुण्य लाभ का कार्य होगा।
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बालाघाट जिला विकास कार्य की गति में निम्न स्तर पर- बालाघाट जिले से अब तक सत्ता पक्ष के अनेक मंत्री ,सांसद, विधायक ,आयोग में अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त होने के बावजूद भी जिले में बालाघाट शहर में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए ओवर ब्रिज, फ्लाई ओवर, रेल कनेक्टिविटी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी शासकीय योजनाओं का, जनता तक जानकारी का नहीं पहुंच पाना यह साबित करता है कि जिले में आज भी बुनियादी सुविधाओं की कमी के साथ-साथ अनेक समस्याओं का अंबार है जोकि जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रत्येक चुने हुए जनप्रतिनिधि का दायित्व होना चाहिए कि उनके क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक छोटे छोटे कस्बे गांव तक शासन की जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए जोकि जिले में अभी तक संभव नहीं हो पाया है।
जनता के त्वरित जो मुद्दे होते हैं बिजली-सड़क-पानी , रोजगार इन सभी कार्यों में आज भी हमारा जिला पिछड़ा हुआ है जो की नेतृत्व क्षमता को कहीं ना कहीं कमजोर साबित करता है।
घोषणाएं ,वादे ,चुनावी दावे, जिले के चुने हुए जनप्रतिनिधि करते आए हैं लेकिन उन्हें पूरा करने में काफी वक्त लग रहा है जो कि दायित्व का निर्वहन करने की क्षमता को प्रभावित करता है । जब किसी भी पार्टी की सरकार प्रदेश में बनती है तो जिले में एक से अधिक मंत्री पद हमेशा रहते आया है उसके बावजूद भी आज तक ग्रामीण क्षेत्रों की सुविधाओं में कमी कहीं ना कहीं नेताओं की कमियों को उजागर करती है।