*लांजी में भारी मशक्कत के बीच बाल विवाह रोकने में महिला बाल विकास की टीम को मिली सफलता*
*- देवरबेली सरपंच को फोन कर बुलाया मौके पर*
बालाघाट लांजी। बाल विवाह रोकने पहुंचा प्रशासन, दो नाबालिगों की रोकी शादी लांजी तहसील के ग्राम देवरबेली में बाल विवाह होने का मामला सामने आए, जिसमें प्रशासन द्वारा मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और बाल विवाह होने से रोका। लांजी एस डी एम ज्योति ठाकुर द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारी को नियुक्त किया गया है। इसी कड़ी में महिला बाल विकास द्वारा ग्राम देवरबेली व ग्राम बोदरा में बाल विवाह करते परिवार को रोका गया।
मामला लांजी तहसील के अंतर्गत ग्राम देवरबेली एवं ग्राम बोदरा का है, जहां ग्राम देवरबेली निवासी अपनी बेटी की शादी बोदरा ग्राम निवासी से तय की। जिसमें लड़की नाबालिग, तो वहीं दूसरी ओर लड़का नाबालिग होने पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई, जिसमें एसडीएम ज्योति ठाकुर ने महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी पद्मावती परते को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए।
वहीं ग्राम देवरबेली पहुंचे अधिकारी ने परिवारजनों से दस्तावेजों की जानकारी ली, लेकिन परिवार पूर्ण रूप से दस्तावेज नहीं बता सके। वही ग्राम देवरबेली मे लड़की 16 वर्ष3 महीना और बालक के विवाह को भी रोककर महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा मौके स्थल पर पहुंचकर पंचनामा बनाया। वहीँ दोनों परिवार को बाल विवाह करने रोका गया।
वहीं महिला बाल विकास अधिकारी पद्मावती परते ने कहा कि- ‘सूचना मिलने पर हम मौके पर पहुंचे और विवाह करने के लिए रोका है वही दोनों ही पक्षों के परिजनों को समझाएं की गई थी जब तक लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष ना हो तब तक विवाह नहीं किया जाए
विदित हो कि अक्षय तृतीय के अवसर पर विवाह एवं सामूहिक विवाह का अधिक संख्या में आयोजन होता है, जिसमें बाल विवाह होने की अंधिक संभावना रहती है। जिले में बाल विवाह रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है और जिले की जनता से अपील की गई थी कि वे बाल विवाह को रोकने में मदद करें और कहीं पर भी बाल विवाह न होने दें। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अनुसार 18 वर्ष से उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह कहलाता है। वहीं लांजी तहसील अंतर्गत ग्राम देवरबेली में महिला एवं बाल विकास विभाग ने मौके पर पंहुचकर बाल विवाह को रूकवाया, इस दौरान देवरबेली पुलिस चौकी का पुलिस अमला भी साथ में मौजूद रहा और आखिरकार इस बाल विवाह को समय रहते रूकवाया गया।
बाल विवाह को रोकने की गई कार्यवाही में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी पद्मावती परते, बाल विवाह कंट्रोल रूम टीम रेखा सोनवाने, सुनीता उईके, दुर्गा कौल, देवेंद्र मर्सकोले, सेक्टर पर्यवेक्षक छबिलाल पंद्रे, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शमा परवीन के साथ ही देवरबेली चौकी प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी, प्रधान आरक्षक प्रहलाद बिहुनिया, आरक्षक प्रतिपाल सिंह, नेमीचंद शेफर्ड मौजूद रहे वहीं कार्यवाही किए जाने के दौरान देवरबेली सरपंच मौजूद नहीं थे, जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी द्वारा सरपंच को मौके पर बुलाए जाने को कहा तब जाकर देवरबेली सरपंच शिव कुमार बोरकर, रोजगार सहायक राजेंद्र यादव के साथ मौके पर पंहुचे। परियोजना अधिकारी परते द्वारा बताया गया कि उन्हे देवरबेली की 16 वर्ष 3 माह की नाबालिग लड़की और 19 वर्ष के बोदरा निवासी युवक के बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई जिस पर पुलिस अमले के साथ मौके पर पंहुचकर दोनो ही पक्षों को समझाईश दी गई और आखिरकार बमुश्किल समझाया गया, जिस पर दोनो ही पक्षों के द्वारा कानूनी उम्र में शादी किए जाने पर सहमति दर्शाई गई।
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जिले में कहीं पर भी किसी भी समय बाल विवाह को रोकने के लिए सूचना प्राप्त करने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में सहायक संचालक सुश्री वंदना धूमकेती को मोबाईल नंबर 8518080664, श्री मनोज खरे के मोबाईल नंबर 9584815048, सामाजिक कार्यकर्त्ता श्रीमती रचना गुप्ता के मोबाईल नंबर 7415717464, परामर्शदाता दुर्गेश ठाकुर के मोबाईल नंबर 7694082809, आउटरीच कार्यकर्त्ता नीरज स्वामी के मोबाईल नंबर 9303804129 एवं आशीष सिंगोर के मोबाईल नंबर 8878015737 पर बाल विवाह रोकने के लिए सूचना दी जा सकती है। बाल विवाह होने की सूचना वन स्टाप सेंटर बालाघाट के नंबर 6262240299 एवं टोल फ्री नंबर-1098 पर भी दी जा सकती है।