विजय निरंकारी सागर 26 मई 2022
मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह-निकाय योजना के अंतर्गत सागर के विधायक श्री शैलेंद्र जैन ने अपनी धर्मपत्नी अनु जैन के साथ आज बालाजी मंदिर परिसर में 135 वर-वधुओं के विवाह का कार्यक्रम आयोजित कराया। जिसमें विधायक श्री जैन दंपत्ति ने शादी मंडप में वर-वधुओं का पैर पखारकर कन्यादान किया। नव दंपतियों ने विवाह स्थल पर लगे विशाल पंडाल में बनी भोजनशाला में अतिथियों एवं जन सामान्य को छप्पन भोग परोस कर उनका स्वागत किया। विधायक श्री शैलेंद्र जैन एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अनु जैन ने सोने का मंगलसूत्र नव दंपति को प्रदान कर उनके पैर पखारे ।
विधायक श्री जैन ने बताया कि मेरी धर्मपत्नी ने कहा कि प्रशासन द्वारा मंगलसूत्र ,बिछिया, वेंदी ,पायल प्रदान की जाती है, किंतु उनकी इच्छा अनुसार मंगलसूत्र सोने का होना चाहिए उनकी इच्छा में मैं शामिल होते हुए चांदी के मंगलसूत्र को सोने का मंगलसूत्र में परिवर्तित कराते हुए 135 बेटा बेटियों को सोने का मंगलसूत्र प्रदान किया। विधायक श्री जैन ने बताया कि यह मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह कार्यक्रम हमारे लिए मेरी बेटी के विवाह समारोह से कम नहीं है क्योंकि मेरी धर्मपत्नी अनू जैन ने बेटी की शादी की तरह पूरी रस्मे घर पर ही आयोजित कर नव वधुओं को समस्त रस्मों में शामिल कराया । उन्होंने कहा कि गत दिवस हल्दी की रस्म मेरे निवास पर नव वधुओं की उपस्थिति में आयोजित की गई, जिसमें कि नववधु को समस्त सौभाग्य सामग्री प्रदान की गई एवं हल्दी लगाई गई । उन्होंने कहा कि इसी प्रकार शादी समारोह के बाद सत्यनारायण की कथा एवं सुहागलो का कार्यक्रम भी मेरी धर्मपत्नी की इच्छा अनुसार आयोजित किया जाएगा ।
विधायक श्री जैन ने कहा कि यह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं बल्कि मैंने और मेरी धर्मपत्नी ने मेरी बेटी की शादी की तरह वैवाहिक कार्यक्रम की तैयारी कर आयोजित कर रहा हूं।
विवाह कार्यक्रम में जहां एक तरफ बेटा-बेटी नव दांपत्य जीवन में प्रवेश करने के लिए सात फेरे ले रहे थे, वही कुछ नव दंपतियों ने विवाह स्थल पर बनी भोजन शाला में पहुंचकर मुख्य अतिथियों एवं अन्य उपस्थितों को भोजन शाला में भोजन परोस कर बुंदेलखंड की पुरानी कहावत को चरितार्थ किया बुंदेलखंड की पुरानी कहावत के अनुसार नई बहु शादी के बाद परिजनों को भोजन परोस कर अपना ससुराल का जीवन आरंभ करती है। जब नई बहु परिजनों को खाना परोस दी है तब परिजन नई बहू को उपहार स्वरूप कुछ जरा सी या उपहार प्रदान करते हैं। इसी कहावत में को अतिथियों द्वारा भी आज चरितार्थ किया गया और नव दंपत्ति वधु को उपहार स्वरूप राशि भी तत्काल प्रदान की गई।