समता सद्भावना संवाद यात्रासद्भावना यात्रा सेज कला पहुंची जहां स्थानीय लोगों के द्वारा जोरदार स्वागत किया गया
सीतापुर- संगतिन किसान मजदूर संगठन द्वारा जिले के चार ब्लाकों में जारी समता सद्भावना संवाद यात्रा चौथे दिन ग्राम बिचपरिया से निकल कर पिसावां के रास्ते सहुआपुर होते हुये रौना व सेजकला तक पहुंची।
ग्राम सेजकला में सद्भावना यात्रियों को बातचीत में स्थानीय लोगों ने बन्दरों की भयंकर समस्या के बारे में बताया। छैल बिहारी सिंह यादव सहित ढेरों किसानों ने यह बात उठाई कि यहां बंदरों का प्रकोप इस कदर है कि खेतों में बोये हुए गेंहू के बीज तक बंदर निकाल कर खा जा रहे हैं।
यहां बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी लोग परेशान दिखे। उन्होंने बताया कि गांव के शिक्षक सीतापुर या लखनऊ से आते हैं। सीतापुर से आने वाले शिक्षक थोड़ा समय से आ जाते हैं पर लखनऊ से आने वाले शिक्षक बहुत देर से से आते हैं जिस कारन नौनिहालों की पढाई प्रभावित हो रही है|
यात्रा में आगे चलकर सेजकला, सेजखुर्द में लोगों ने डीएपी महंगी मिलने की बात उठाई। किसानों ने बताया कि 1375 की डीएपी 1610 में मिल रही है। डीएपी भी तभी मिलती है जब नैनो यूरिया लें। महंगी होने की वजह से जो किसान यूरिया लेने से मना कर रहे हैं उनको डीएपी भी नहीं मिल पा रही है।
औलियापुर गांव में सड़क किनारे खड़े कितने युवाओं ने बेरोजगारी की बात उठाई। लोगों ने बताया कि पढ़े लिखे युवा नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे है| स्थानीय स्तर पर रोज़गार की कोई व्यवस्था नहीं है| युवा या तो पलायन करने को मजबूर हैं या फिर बेरोज़गारी के साये में जीने को विवश हैं|
गन्ना किसानों ने अपनी समस्या बताते हुए कि कांटा पर गन्ना को ट्राली से उतारने का 200 रूपया लिया जा रहा है| इस मशीन की वजह से मज़दूर साथियों को कांटा पर काम मिलने के अवसर भी कम हो गये हैं।
सद्भावना यात्रा में लगत्रार लोग अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रख रहे हैं| इसी कड़ी में मूड़ाखुर्द गाँव में एकत्रित मजदूरों ने दो महीने बीत जाने पर भी मनरेगा की मजदूरी नहीं मिलने की दिक्कत सामने रखी।
मूड़ाखुर्द से निकलकर रूकुंदीपुर, पथरी, पिसावां होते सद्भावना यात्रा अल्लीपुर गाँव में रात्रि विश्राम के लिए रुकी| गौरतलब हो कि सद्भावना यात्रा से स्थानीय निवासियों में अपनी बात कहने का आत्मविश्वास आ गया है और वे सद्भाना यात्रियों का स्वागत तो कर ही रहे हैं उनसे अपनी समस्याओं पर खुलकर अपनी बात भी रख रहे हैं|
जेबीटी आवाज न्यूज़ ओपी शुक्ला सीतापुर