सर्प के काटने से इलाज के अभाव में अमानगंज अस्पताल में महिला की हुई दर्दनाक मौत,
जिम्मेदारों के नही खुले द्वार सिस्टम पर लगे गंभीर आरोप
अमानगंज क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम सप्तई ग्राम पंचायत सिंघोरा में बीती रात्री जहरीले सर्प के काटने से श्याम बाई शर्मा उम्र 65 वर्ष की मौत हो गई।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि ग्राम सब ताई निवासी देवीदीन शर्मा की पत्नी घर में चारपाई में सो रही थी रात्रि में लगभग 2:00 बजे करीब जहरीले सर्प ने उन्हें बाएं हाथ की कोहनी के ऊपर काट दिया जिससे घायल अवस्था में महिला को परिजन रात्रि 3:00 बजे मोटरसाइकिल में बैठाकर देवरा मोड़ मुख्य सड़क तक लेकर आए जहां से 108 एंबुलेंस ने महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज में लगभग 3:30 बजे छोड़ा। परंतु अस्पताल में परिजन महिला के इलाज के लिए सिस्टर और डॉक्टरों को पूरे अस्पताल परिसर में तलाशते रहे और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कुंभकरणी निद्रा में अपने बंगला में सोते रहे और मरणासन्न अवस्था में पड़ी महिला के परिजन रोते बिलखते हुए भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के दरवाजे खटखटाते रहे लेकिन महिला के दम तोड़ने तक कोई भी डॉक्टर या अस्पताल कर्मचारी इलाज करना तो दूर महिला की हालत जानने तक उसके पास नहीं पहुंचा। इलाज के अभाव में अस्पताल में पड़े पड़े महिला श्याम बाई शर्मा पति देवी देव शर्मा निवासी ग्राम सप्तई की सुबह लगभग 5:30 बजे मौत हो गई। श्रीमती श्याम बाई शर्मा को उनके परिजन बड़ी मशक्कत करके अस्पताल तक जीवित अवस्था में लेकर आए परंतु ईश्वर स्वरूप चिकित्सकों की घोर लापरवाही से इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई।
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी इस ग्राम को आज तक पहुंच मार्ग नहीं बन पाया सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं भी शायद इस ग्राम वालों के लिए अभी तक नसीब नहीं हो सकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज में पदस्थ डॉक्टर सरकारी अस्पताल का निजीकरण करके संचालित कर रहे हैं यहां मरीजों का मनमानी पूर्वक इलाज किया जा रहा है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमानगंज वर्षों से राजधानी तक राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है यहां के चुनिंदा जनप्रतिनिधि जन सरोकार के मुद्दों से कोसों दूर देखे जा रहे हैं श्याम बाई शर्मा के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर घोर लापरवाही एवं मनमानी के आरोप लगाए हैं एवं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए जाने की समाचार पत्रों के माध्यम से अपील की है। रात्रि 3:30 बजे से सुबह 8:00 बजे तक पीड़ित महिला को अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर देखने तक नहीं आए और ना ही किसी चिकित्सक ने किसी का फोन रिसीव किया जब कहीं गांव वालों एवं कुछ मीडिया कर्मियों की कोशिश के बाद एक डॉक्टर ने बमुश्किल महिला को देखकर बताया कि महिला की अब मौत हो चुकी है वह जिंदा नहीं है परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ डॉ अमित मिश्रा ने पूरी रात से लेकर सुबह तक अपने बंगले के दरवाजे तक नहीं खोलें और ना ही किसी का फोन पर किसी से बातचीत की। जिले का स्वास्थ्य विभाग ऐसे गैर जिम्मेवार अधिकारियों के हवाले अमानगंज अस्पताल की कमान सौंपी है जिससे गरीब जनता को लगातार इनकी घोर लापरवाही का शिकार होना पड़ रहा है। जब जनता को सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिलता और डॉक्टरों का गैर जिम्मेदाराना रवैया रहता है जिसकी वजह से आम जनता को झोलाछाप डॉक्टरों का भी शिकार होना पड़ता है। यदि इतने संवेदनशील सांसद, सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं जिले के मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था के ऐसे हालात हो जाएं तो जनता सवाल तो पूछेगी।