*सवारी से भसियागड महादेव बीसापुर लिए निकली कावड़ यात्रा*
तिरोडी-सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम कावड़ यात्रा माना जाता है. कावड़ यात्रा की शुरुआत पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों से होती है,।
जबकि इसका समापन शिव मंदिरों में भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ होता है.दिनांक 8 अगस्त 2022 को ग्राम सावरी से भसियागड महादेव के लिए कावड़ यात्रा निकली जिसमे करीब 100 लोग महिला पुरूष एव बच्चे शामिल थे ये कावड़िए भसियागड महादेव को त्रिशूल अर्पित करने निकले उक्त कावड़ यात्रा का सावरी से यह दूसरा वर्ष है।
कावड़ यात्रा का शास्त्रों में भी उल्लेख किया गया है.
यह मान्यता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था तब भगवान शिव ने हलाहल का पान किया था. हलाहल के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने कावड़ के माध्यम से भगवान शिव पर जल अर्पित किया था, तभी से कावड़ यात्रा निकाली जा रही है. जो शिव भक्त कावड़ यात्रा के माध्यम से भगवान शिव को जल अर्पित करता है, उसे कोटि तीर्थ का फल प्राप्त होता है.
तिरोड़ी से अमित जैन की खबर