लाखों लोगों ने बड़े अरमान कै साथ सहारा इंडिया परिवार की चिटफंड समेत अन्य कई कंपनियों में निवेश किया था। उन्हें उम्मीद थी कि मैच्योरिटी पीरियड के बाद कंपनी इस पैसे को वापस करेगी तो वे इस पैसे से अपने अधूरे सपने, अधूरे कार्य पूरे करेंगे, लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा।कभी देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रही सहारा परिवार में देश के लाखो लोगो ने निवेश किया था परन्तु कंपनी के कामकाज में पारदर्शिता ना होने और वित्तीय अनियमितता के कारण लोगो के पैसे फँस गए थे। अब झारखण्ड सरकार द्वारा इन सभी लोगो को राहत देते हुये हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है। इस नंबर पर ना सिर्फ सहारा परिवार बल्कि दूसरी वित्तीय कंपनियों और सहकारी संगठनो के धोखाधड़ी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।सरकार द्वारा लोगो के रिफंड को लेकर कड़े कदम उठाये जा रहे है ऐसे में सभी निवेशकों को भी अपनी रकम को वापस मिलने की आस जगी है। झारखंड सरकार के वित्त विभाग ने नॉन बैंकिंग कंपनियों और कॉर्पोरेटिव सोसाइटी के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112 जारी किया है। जिसके तहत जिन लोगों ने सहारा इंडिया परिवार में पैसा जमा किया है और वह अब शिकायत करना चाहते हैं तो वह इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके इसका लाभ उठा सकते हैं।यदि आप भी झारखंड के रहने वाले हैं और सहारा में आपका भी पैसा फंसा है तो अब निराश होने की जरूरत नहीं है। सरकार अब सहारा इंडिया के रिफंड को लेकर एक्शन मोड में है। आपको बता दें कि सहारा के पीड़ित निवेशकों से शिकायत मिलने के पश्चात राज्य वित्त विभाग सीआईडी (आर्थिक अपराध शाखा, झारखंड) के साथ मिलकर इस शिकायत की जांच करेगा एवं शिकायतों के निस्तारण में सहायता करेगा।बता दें, सहारा इंडिया में लोगों के करोड़ों रुपये फंसे हैं। स्थानीय लोगों के दबाव को देखते हुए उनके निवेश की राशि लौटाने से जुड़ा यह मामला विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में भी उठ चुका है। बीते 10 मार्च, 2022 को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में विधायक नवीन जायसवाल ने नॉन बैंकिंग कंपनियों में झारखंड के लोगों का करीब 2500 करोड़ फंसे होने की बात उठाई थी।उन्होंने कहा था कि तीन लाख लोग अपने पैसों को लेकर चिंतिंत हैं, इसलिए सरकार को हेल्प लाइन नंबर जारी करना चाहिए। नवीन जायसवाल ने कहा था कि इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए पता लगेगा कि किसका कितना पैसा फंसा है।विधायक ने कहा था कि सहारा में काम करने वाले 60 हजार लोग बेहाल हैं। विधायक ने यहां तक कहा था कि इन लोगों की हालत ऐसी हो गई है कि किसी की जान जा सकती है। इसके बाद वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस पर माना था कि सहारा में गांव देहात के लोगों का पैसा फंसा है। और लोग इसमें फंसे पैसे से परेशान हैं। मंत्री ने कहा है कि सहारा लिस्टेड कंपनी है जिसे सेबी कंट्रोल करता है। वित्त विभाग की ओर से सेबी और सहारा प्रमुख को लेटर भेज दिया गया है। सहारा के खिलाफ जो भी शिकायत मिल रही है, उसे सरकार देख रही है. विभाग इसके निदान के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।आपको बता दें, सहारा इंडिया की योजनाओं में निवेश किए गए लाखों निवेशकों को उनका पैसा अब तक नहीं मिल पाया है। सरकार ने संसद में बताया है कि सेबी (SEBI) सहारा इंडिया के निवेशकों को अभी तक 138.07 करोड़ रुपये ही वापस कर पाया है।
*जेबीटी आवाज टीवी के लिए विशेष संवाददाता झारखंड की रिपोर्ट*