सिस्टम से लाचार गरीब चार माह से नही मिला राशन आखिर कौन जिम्मेदार अमानगंज- जी हां नगर अमानगंज से एक ऐसा मामला सामने आया जिसमे असहाय गरीब वुजूर्ग महिला तथा कथित बन बैठे उन मसीहों को पानी पी पी कर कोष रही है जिन्होंने वुजुर्ग महिला को अति गरीबी का राशन कार्ड हाथ मे तो थमा दिया लेकिन राशन की लानत में दर दर भटकने को मजवूर भी कर दिया उस महिला के पेट पर लचर सिस्टम की लात पड़ने से जो तिलमिलाहट है शायद आप समझ सके एक तो बुढापा ऊपर से कोई संतान नही कैसे अमानगंज बार्ड क्रमांक 9 की रहवासी बुजुर्ग महिला सरमन बाई ढीमर जिनके ऊपर न तो पक्की छत है न संतान बस छप्पर बाला धर ओर खुद जिंदगी ओर गरीवी से संघर्ष ओर मजदूरी लायक शरीर भी नही अब कैसे भरेगा पेट अति गरीबी का रासन कार्ड देखकर या बिक्रम बेताल की कहानी से नही जनाब अगर किसी वुजुर्ग की उंगली राशन वितरण मसीन में उंगलीनही आएगी तो क्या उसे दो बक्त की रोटी जिसका उस पर हक है उसे अनाज नही मिल पायेगा तो फिर इसे आप क्या कहेंगे लचर सिस्टम या डिजटल इंडिया की तरक्की क्या कोई प्रावधान नही की इस जैसे ओर भी अन्य लोगो को जिनका हक कहे या पेट पालने के लिए दो बक्त का अनाज मिल सके पेट भरने को तभी तो होगा सबका साथ ओर सबका विकास
सिस्टम से लाचार गरीब चार माह से नही मिला राशन आखिर कौन जिम्मेदार
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