सैयद अब्दुल रहीम। आज रिलीज़ हुई अजय देवगन की फिल्म मैदान वास्तव में इन्हीं की कहानी है। सैयद अब्दुल रहीम फुटबॉल कोच थे। अभी हाल ही में अजय देवगन ने एक इंटरव्यू में कहा कि वो नहीं जानते थे कि किसी वक्त पर हमारे देश में वाकई में फुटबॉल बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था। वो भी सिर्फ एक इंसान की वजह से।
सैयद अब्दुल रहीम वो हैं जिन्होंने 50 और 60 के दशक में भारत में फुटबॉल के खेल की दशा और दिशा बदल दी थी। अजय देवगन ने कहा कि जब उन्होंने ये कहानी सुनी तो वो इससे इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने फैसला कर लिया कि वो ये कहानी दर्शकों तक ज़रूर पहुंचाएंगे। अजय मैदान में इन्हीं सैयद अब्दुल रहीम का रोल निभा रहे हैं।
17 अगस्त 1909 को हैदराबाद में सैयद अब्दुल रहीम का जन्म हुआ था। वो बचपन से ही फुटबॉल के शौकीन थे। हालांकि उनका जीवन बहुत चुनौतियोंपूर्ण था। लेकिन तमाम चुनौतियों लड़ते हुए सैयद अब्दुल रहीम सन 1950 में भारत की फुटबॉल टीम के कैप्टन बने। उनकी कप्तानी में भारतीय फुटबॉल टीम ने 1951 से 1962 तक एशियन स्पोर्ट्स में स्वर्ण पदक जीते थे। ये वो वक्त था जब भारतीय फुटबॉल टीम एशिया की सबसे मजबूत फुटबॉल टीम थी। लोग भारत को फुटबॉल के मामले में एशिया का ब्राज़ील कहा करते थे।
1956 में मेलबर्न ओलंपिक में सैयद अब्दुल रहीम के नेतृत्व में भारतीय फुटबॉल टीम सेमीफाइनल तक पहुंच गई थी। तो फिल्म कैसी रहेगी कैसी नहीं, ये तो अभी नहीं कह सकता मैं। लेकिन सैयद अब्दुल रहीम को ज़रूर इस मौके पर ज़रूर ससम्मान याद करना चाहूंगा। साथ ही अजय देवगन साहब को भी सैल्यूट है कि उन्होंने इस भुला दिए गए हीरो के जीवन पर फिल्म बनाई। 11 जून 1963 को सैयद अब्दुल रहीम की मृत्यु हो गई थी। #Maidaan #syedabdulrahim #ajaydevgan