* स्कूल की छत से टपकता है पानी,
स्कूल के आसपास नहीं बनी है बाउंड्रीवॉल जिससे
छात्र छात्राओं को होती है परेशानी।
बालाघाट/नांदी।
बालाघाट जिले के कटंगी विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम नांदी में एक ओर जहां मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सबको शिक्षा का अधिकार देने का व बच्चों की सुरक्षा को लेकर ढिंढोरा पीटा जा रहा है और सर्व शिक्षा अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजना संचालित कर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए भी जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया द्वारा छात्र-छात्राओं को अपने भांजे-भांजियों का रिश्ता बताकर तमाम सारी व्यवस्थाओं के दावे किए जाते हैं। लेकिन इन दावों में कितनी हकीकत है यह तो विकासखंड के सरकारी स्कूलों की दीन-दशा ही बता देती है। शासन के बड़े-बड़े दावे ढकोसला साबित होकर रह गये हैं और योजनाएं कागज में दौड़ लगा रहीं हैं।
क्षेत्र के कई स्कूलों की छत से टपकता है पानी।
कटंगी विकासखंड के अंतर्गत नांदी प्राथमिक शाला में जरा सी बारिश में ही छत से पानी टपकने लगता है। छत से पानी रिसकर कमरों में भर जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बच्चों का भविष्य खतरे में है।स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि जिन कमरों में पानी टपकता है उन कमरों में बच्चे बैठ नहीं पा रहे हैं। उन्हें वैकल्पिक तौर पर दूसरे कमरों में बिठाया जा रहा है। वहीं स्कूल स्टाफ कक्ष में भी कही कही पानी टपक रहा है जिससे उन्हें भी परेशानी हो रही है।जब भी बारिश होती है तब पानी रोकने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा जहां पानी टपकता है वहां बाल्टी रख दी जाती है, लेकिन लगातार बारिश होने से यह वैकल्पिक व्यवस्था भी काम नहीं आती है।
हल्की वर्षा में भी टपकाने लगता है पानी।
सरकारी स्कूलों में बेहतर व्यवस्थाएं होने का दावा भले ही अधिकारी करते हो, लेकिन जमीनी स्तर पर व्यवस्था बदहाल है। बारिश होते ही स्कूलों की छत से पानी टपकने लगता है। ठीक ऐसा ही ही मामला कटंगी विकासखंड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला नांदी का है जहां पर हल्की सी भी वर्षा होने पर स्कूल की छत से पानी टपकने लगता है जिसके कारण छात्र छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है ज्ञात हो कि प्राथमिक शाला सभी बच्चों का आधार होता है इसके बावजूद इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
स्कूल के आसपास नहीं है बाउंड्रीवॉल, स्कूल में घुस आते हैं आवारा मवेशी, बाउंड्रीवाल बनाए जाने की मांग।
शासकीय प्राथमिक शाला नांदी की प्रभारी प्रधानपाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल के आसपास बाउंड्री वॉल नहीं होने के कारण स्कूल परिसर में आवारा पशुओं का आना-जाना लगा रहता है और छात्र-छात्राएं भयभीत रहते हैं। प्रभारी प्रधानपाठक से प्राप्त जानकारी अनुसार प्राथमिक शाला नांदी के स्कूल की बाउंड्री वॉल नहीं होने से आवारा पशु विद्यालय में आ जाते है जिसे हम स्कूल परिसर में पौधे भी नहीं लगा पा रहे हैं। बाउंड्री न होने से आवारा जानवर विद्यालय परिसर में गंदगी करते हैं, जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल की बाउंड्री वॉल बनाए जाने की मांग सर्व संबंधितों से की है।
शासन ने नगर व गांवों में लाखों रुपए स्कूल भवन तो बनाएं हैं, लेकिन सुरक्षा व रूकावट के लिए बाउंड्रीवाल के निर्माण कार्य को सालों से पेंडिंग में डाल रखा है। इसके चलते अधिकांश स्कूलों के परिसर में ग्रामीण क्षेत्र के लोग मवेशी बांधने के साथ ही गंदगी का ढेर लगाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
इसी तरह प्राथमिक शाला नांदी में बाउंड्रीवॉल नहीं होने से आवारा जानवर विचरण करते रहते हैं। स्कूलों के आसपास बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण छात्रों व शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
खाना बनाने वाली बाई (रसोइया) के भरोसे स्कूल छोड़ कही भी चले जाते है शिक्षिकाएं।
ज्ञात हो कि शासकीय प्राथमिक शाला नांदी में मात्र 2 शिक्षिकाएं पदस्थ है.जगप्रेरणा संवाददाता जब स्कूल पहुंचे तो दोनो शिक्षिकाएं स्कूल में उपस्थित नहीं थे और बच्चे 2 बजे की छुट्टी में बाहर खेल रहे थे बच्चो से शिक्षिकाओं के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मैडम उन्हें बताकर नही गई है साथ ही वहां मौजूद रसोई बाई ने पूछने पर उन्होंने बताया कि मैडम लोग सोसायटी गए है।
इनका कहना है।
हम लोग 2 बजे की छुट्टी में स्कूल के कुछ काम से नांदी सोसायटी गए थे वे खाना बनाने वाली रसोई बाई को बताकर गए थे की वो लोग सोसायटी जा रहे है.
मेरुवती बोपचे
प्रभारी प्रधान पाठक शासकीय प्राथमिक शाला नांदी।