स्कूल में नही है शिक्षक 400 बच्चों का भविष्य अंधकार में
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट/ तिरोड़ी
बालाघाट जिले से 90 किलो मीटर जो अंतिम छोर पर बसे तहसील तिरोड़ी से 30 किलो मीटर दूर ग्राम पंचायत गोरेघाट के अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोरेघाट जहा सरकार ने पहली से लेकर बारहवी तक जिसमे प्राथमिक शाला में मात्र दो शिक्षक और कक्षा 6 से 12 वी तक मात्र एक शिक्षक पदस्थ है ज्ञात हो की इसी स्कूल से हर साल कोई न कोई बच्चा प्रविण्य सूची में रहता है मगर अब स्कूल की हालत पस्त है जिसमे अब बच्चे गांव से बाहर शिक्षा ग्रहण करने जाने मजबूर हो रहे है अब जबकि स्कूल में मात्र एक शिक्षक है और स्कूल चालू हो चूके है । पिछले एक साल से किसी भी शिक्षक की भर्ती नही हुई है जिससे गांव के बच्चो का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।
शासकीय उच्चतर महा विद्यालय गोरेघाट में शिक्षा का स्तर शिक्षक के अभाव में गिर रहा है । नियमित शिक्षक नही होने से यहां से बच्चे बाहर अध्ययन करने जा रहे है।
दर्जन भर गांव में है एक स्कूल
ग्राम गोरेघाट के अलावा भोंडकि, हेटी, कुड़वा, अंबेझरी, पथरापेट, आगरी, खैरलांजी, जटामा संग्रामपुर देवरी आदि ग्राम के बच्चे इस स्कूल में अध्ययन हेतु आते है। शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल गोरेघाट में कक्षा 6 से 12 तक लगभग 300 बच्चे है और 100 बच्चे और दाखला लेने की संभावना है। वर्तमान में जबकि स्कूल शुरु हो चुके है और बच्चे आना शुरू हो गए है मगर इस शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल में मात्र एक शिक्षक है जो स्कूल में प्रवेश का कार्य ही करवा रहे है इसके अलावा इस स्कूल में कोई भी नियमित शिक्षक नही है । जबकि स्कूल शुरु होने से नन्हे बच्चे कैसे शिक्षा ग्रहण करना जबकि उन्हें कोई भी शिक्षक अध्ययन के लिए नही है और अब तक ना तो अतिथि शिक्षक की भर्ती हुई है।
इसीलिए ग्रामीण बच्चे रहते है शिक्षा से वंचित
सरकार की मंशा साफ है की ग्रामीण तबके के लोग अच्छे से अच्छी शिक्षा ग्रहण कर गांव और देश का नाम रोशन करे मगर वर्तमान स्थिति कुछ और बया कर रही है। इसकी जानकारी जनप्रतिनिधि और उच्चाधिकारी तक दी जा चुकीं है मगर स्कूल शुरु होने से लेकर अब तक कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है।
मात्र एक पोस्ट दिखा रहा खाली
वर्तमान में वर्ग-1 के उच्च शिक्षक की भर्ती होना है जिसकी पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरे जा चुके है जिसमे शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल में मात्र एक अंग्रेजी कि पोस्ट खाली दिखा रहा है जबकि एक शिक्षक ही यहां पदस्थ है और सभी विषय मिलाकर करीब बीस शिक्षक की आवश्यकता है।
प्राथमिक शाला के बच्चो का बुझ जायेगा चिराग
ग्राम गोरेघाट में शासकीय प्राथमिक शाला है जिसमे मात्र दो शिक्षक है जिसमे एक शिक्षक राजू सरोतीया को निलंबित कर दिया गया है मगर उनकी जगह किसी भी शिक्षक की नियुक्ति नही हो पाई है। अगर यहां शिक्षक नही आते तो यहां के ननिहाल का हल बेहाल हो जायेगा। ना बेचारे हिंदी पड़ पाते है और ना अंग्रेजी कैसे बनेगा इनका भविष्य बच्चे जैसे तैसे 8 वी कक्षा तक पड़ तो लेते है मगर उसके बाद अध्यन छूट जाता है क्युकी ग्रामीण स्कूल में शिक्षक और शिक्षा पर नाम मात्र की पढ़ाया जाता है जिसके तहत शिक्षा का स्तर पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।
निजी स्कूलों के वारे न्यारे
महज 4000 की जनसंख्या वाले ग्राम गोरेघाट में दो दो निजी संस्थाएं संचालित हो रही है। आखिर अभिभावक क्यू अपने बच्चो को प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे है जबकि ज्यादा सुविधा सरकारी स्कूल में है। सरकारी स्कूलों की हालत खराब के चलते निजी स्कूल वालो के जलवे है जबकि उन स्कूलों में कोई भी शिक्षक शिक्षा प्राप्त नही किए है।