बालाघाट जिले में रेत और शराब माफियाओं को संरक्षण लेकिन गरीबों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने वालों को जेल मिलेगी, वर्तमान परिस्थिति में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का मौन सवालों के घेरे में…
बालाघाट जिले में माता के भक्त, महाकाल के अनन्य भक्त डाली दमाहे जी के हत्याकांड में आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं जिनकी गिरफ्तारी करने में शासन प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं जबकि हत्याकांड में चश्मदीद गवाह चिल्ला चिल्ला कर बयान दे रहे थे उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है,
बालाघाट जिले में खैरी कांड में 26 लोगों की मौत हुई लेकिन प्रशासन की ओर से आरोपियों पर उचित कार्यवाही नहीं की जाती जवाबदार लोग बरी किए जाते हैं , फ्लाई ओवर, मेडिकल कॉलेज एवं शुगर फैक्ट्री के वादों का अभी तक अता पता नहीं, लेकिन आम जनता को लाभ पहुंचाने पर कार्यवाही?
प्रशासन को इन लोगों की कोई लिखित शिकायत नहीं है और ना ही अभी तक आम जनता को कोई परेशानी
देश में बड़े-बड़े उद्योगपति बैंकों से लोन लेकर नाक के नीचे से विदेश भाग जाते हैं उनके लिए सरकार और शासन प्रशासन के पास कार्यवाही करने के लिए समय नहीं ,
पहली बार ऐसा देखने में आया है कि जनता के भारी समर्थन के बावजूद भी शासन प्रशासन की ओर से आम लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने वालों पर पर कार्यवाही??
हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है थोड़ी देर से ही सही लेकिन उचित निर्णय आयेगा
सत्य प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं … सत्यमेव जयते…
निवेशकर्ताओं को राशि वापस दिलाई जाएगी ऐसा पुलिस प्रशासन की ओर से आम जनता को सहानुभूति दी गई है एवं धैर्य बनाए रखने हेतु अपिल है
मेरी व्यक्तिगत सहानुभूति उनके और लोगों के साथ है।
जिले में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, महंगाई चरम पर है , पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं बेरोजगारों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है, अपार संभावनाओं के बावजूद भी बालाघाट जिले में कोई उद्योग धंधे के लिए पर्याप्त कदम दूर-दूर तक दिखाई नहीं देते हैं, जब कोई आमजन को, मध्यम वर्ग के लोगों को ऊंचाइयों पर ले जाने के बारे में सोचता है तो उनके पर कतर दिए जाते हैं, लांजी किरनापुर क्षेत्र के साथ-साथ पूरे बालाघाट जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है कोरोना जैसी भयंकर महामारी में भी सुविधाएं पर्याप्त उपलब्ध नहीं हो सकी, जितने डॉक्टरों की व्यवस्था चाहिए जो पद शासन प्रशासन द्वारा ही स्वीकृत किए गए हैं उसके बावजूद भी रिक्त पड़े हुए पदों पर कोई नई भर्ती नहीं होती है।
राजनितिक दृष्टि से देखा जाए तो बालाघाट जिले में अधिकतर मामलों में एक जाति विशेष के लोगों को प्रताड़ित करने का मामला उजागर होता है। चाहे वह कोरोना काल में सिविल अस्पताल लांजी की बात हो या महाकाल भक्त डाली दमाहे जी हत्याकांड की बात हो या वर्तमान में जो हलचल है उसकी बात हो।
जय माता दी..हर हर महादेव 🙏