पाकिस्तान के लाहौर में बंद प्रसन्नजीत को भारत लाने किए प्रयास
पाकिस्तान से आया संदेश-विक्रम देशमुख
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
तिरोड़ी/बालाघाट
जनपद पंचायत खैरलांजी के ग्राम खैरलांजी निवासी श्री प्रसन्नजीत रंगारी पिता लोपचंद रंगारी उम्र 38 वर्ष एक होनहार रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट थे। जो सन 2012 के बाद से मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण लापता थे।
वर्ष 2023 में लापता प्रसन्नजीत की सगी बहन जनपद पंचायत कटंगी के ग्राम महकेपार की निवासी श्रीमती संघमित्रा पति राजेश खोबरागड़े को एक अनजान शख़्स ने फ़ोन कर के बताया कि आपका भाई पाकिस्तान की लाहौर स्थित कोटलखपत जेल में बंद है।
श्रीमती संगमित्रा ने अपने लापता भाई की सकुशल रिहाई और भारत वापसी हेतु केन्द्रीय गृह मंत्री भारत सरकार और तत्कालीन कलेक्टर बालाघाट को विभिन्न माध्यमों से आवेदन किया था।लापता प्रसन्नजीत के पाकिस्तान में बंद होने संबंधी ख़बर प्रमुख मीडिया चैनलों और समाचार पत्रों में भी सुर्खियां बनी थी।मीडिया द्वारा प्रसन्नजीत के मामले की तुलना पंजाब के सरबजीत के मामले से की गई थी|
पूर्व जिला पंचायत सदस्य इंजीनियर विक्रम देशमुख ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दिसंबर 2023 में ग्राम महकेपार पहुंचकर लापता प्रसन्नजीत की बहन श्रीमती संगमित्रा से मुलाक़ात कर उनके दावों को समझा और दस्तावेज़ देखे।
श्री विक्रम देशमुख ने वर्ष 2024 में विदेश मंत्रालय,भारत सरकार के द्वारा संचालित होने वाले मदद पोर्टल पर लापता प्रसन्नजीत की भारत वापसी हेतु शिकायत दर्ज कराई थी।
10 सितंबर 2025 को भारतीय उच्चायोग इस्लामाबाद पाकिस्तान से ईमेल के माध्यम से श्री विक्रम देशमुख को सूचना दी गई कि प्रसनजीत रंगदारी पाकिस्तान के लाहौर स्थित पंजाब इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ में सुनील अद्यय के नाम से उपचार ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय उच्चायोग पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से प्रसन्नजीत की शीघ्र रिहाई और भारत प्रत्यावर्तन(वापसी)के लिए निरंतर बातचीत कर रहा है। अभी हाल ही में 2 सितंबर 2025 को प्रसन्नजीत की रिहाई का मुद्दा पाकिस्तानी पक्ष के समक्ष उठाया गया था।
उक्त ई मेल से भारतीय नागरिक प्रसन्नजीत के पाकिस्तान में जीवित अवस्था में क़ैद रहने के,परिजनों के दावे की पुष्टि होती है।
संभवतः अब पाकिस्तानी क़ैद में बंद प्रसन्नजीत की रिहाई का रास्ता साफ़ होता दिखाई पड़ रहा है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य इंजीनियर श्री विक्रम देशमुख के इस प्रयास पर श्रीमती संघमित्रा खोबरागड़े,राजेश खोबरागड़े एवं उनके परिजनों ने धन्यवाद ज्ञापित किया है।