5 साल की मासूम अपने माता-पिता के साथ बैठी भूख हड़ताल पर, शासकीय जमीन के अतिक्रमण को हटाने की मांग
बालाघाट लांजी। तहसील कार्यालय के सामने पाथरगांव निवासी धनेश दुरूगकर शासकीय भूमि पर पाथरगांव में किए गए अतिक्रमण को लेकर भूख हड़ताल पर बैठा, गुरूवार 28 अप्रैल को चौथे दिन लगातार उसकी भूख हड़ताल जारी रही। उसकी इस भूख हड़ताल में उसकी 5 साल की बेटी भूमि और पत्नी सरिता दुरूगकर भी साथ ही बैठी है। धनेश दुरूगकर ने बताया कि पाथरगांव में शासकीय भूमि पर किए पूर्व सरपंच द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की लिए भूख हड़ताल में उसकी 5 साल की बेटी भूमि और पत्नी सरिता दुरूगकर भी साथ दे रही है। बकौल धनेश इस मामले में पूर्व में पाथरगांव की उक्त भूमि जो कि शासकीय भूमि बताई जा रही है बतौर धनेश दुरूगकर इस बारे में तहसील कार्यालय में मामला दाखिल किया गया था जिसके बाद यह लड़ाई जमीन के अतिक्रमणकर्ता की मौत के बाद उसके कानूनी वारसानों के खिलाफ चली जिसमें तहसीलदार द्वारा धनेश के पक्ष में आदेश जारी करते हुए अतिक्रमण हटाने और ऐसा नहीं किए जाने पर सिविल कारागार की कार्यवाही के बारे में भी लिखा गया था, वहीं यह मामला बालाघाट न्यायालय के द्वारा खारिज भी किए जाने की बात सामने आयी है। बहरहाल गुरूवार 28 अप्रैल को यह चौथा दिन है जब धनेश अपने परिवार के साथ शासकीय जमीन के अतिक्रमण को हटवाने भूख हड़ताल पर बैठा है।
– यह है पूरा मामला
धनेश द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत पाथरगांव के पूर्व सरपंच प्रभावती पति चुड़ेंद्र उरोड़े के द्वारा पटवारी तथा तहसीलदार के साथ मिलकर मेरे भूमि स्वामी हक की जमीन पर बने मकान को अतिक्रमण में है कहते हुए तोड़ दिया गया जिसके कारण उसका पूरा परिवार बिखर गया। जिसके कारण पूर्व सरपंच का घर गिराने के लिए आवेदन किया गया था जिसमें जांच करने पर पूर्व सरपंच के परिवार द्वारा शासकीय भूमि पर 22 डिस्मिल भूमि पर अतिक्रमण पाया गया जिस पर कार्यवाही करते हुए तहसीलदार लांजी के न्यायालय में राजस्व प्रकरण क्रमांक -53/अ-68/2010-11 के तहत 21 फरवरी 2011 को बेदखली के आदेश पारित किए गए थे लेकिन आजतक कार्यवाही नहीं की गई। पूर्व सरपंच के परिवार वालों ने अतिक्रमण की कार्यवाही से बचने के लिए सिविल कोर्ट बालाघाट से स्टे लिया गया था जिसे खारिज भी किया जा चुका है उसके बावजूद अतिक्रमण पर कार्यवाही नहीं की गई। इसके अलावा अनेकों बार उसके द्वारा सीएम हेल्प लाईन, पीएम हेल्पलाईन, जनसुनवाई बालाघाट, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लांजी को अतिक्रमण हटवाने के लिए शिकायत दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
– यह रही न्यायिक प्रक्रिया
सर्वप्रथम तहसीलदार लांजी द्वारा 21 फरवरी 2011 को राजस्व प्रकरण क्रमांक -53/अ-68/2010-11 को आदेश जारी किया गया, जिसमें अनावेदक जामेश्वर वल्द ढाडू राजस्व ग्राम पाथरगांव के अतिक्रमण की पुष्टि करते हुए म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 का उल्लंघन होने के कारण धारा 248(1) के तहत 1500 रूपये की शास्ति अधिरोपित कर अतिक्रमित शासकीय भूमि से बेदखल किया जाने की बात कहीं गई है। इसके पश्चात लांजी तहसीलदार द्वारा 24 फरवरी 2011 को इसी मामले में बेदखली वारंट जारी किया गया जिसमें कहा गया कि उक्त जागेश्वर पिता ढाडू निवासी पाथरगांव उक्त भूमि से अपना अप्राधिकृत कबज हटा ले अन्यथा उक्त भूमि खाली न करने के कारण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत आपको सिविल कारागार के सुपुर्द किए जाने हेतु प्रतिवेदन न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी लांजी को प्रेषित किया जाएगा। इसके उपरांत 7 फरवरी 2017 को तहसीलदार लांजी द्वारा बेदखली आदेश जारी किया गया जिसमें भूमि को 7 दिनों के भीतर कब्जा मुक्त किए जाने की बात को लेकर ा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत आपको सिविल कारागार के सुपुर्द किए जाने हेतु प्रतिवेदन न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी लांजी को प्रेषित किए जाने की बात दोहराई गई। वहीं इस बात पर स्टे लेने हेतु 7 अनावेदकों के द्वारा तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के माननीय न्यायालय में स्टे लेने हेतु आवेदन दिया गया लेकिन माननीय न्यायालय के द्वारा मामले को खारिज कर दिया गया।