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5 हजार रुपए के लिए आदिवासी युवक की हत्या!

5 हजार रुपए के लिए आदिवासी युवक की हत्या!

 

मध्य प्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ घट रहीं घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश में लगातार आदिवासी और दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे है। हाल ही में जबलपुर से एक मामला सामने आया है, जिसमें एक आदिवासी युवक को महज पांच हजार रुपए नहीं दे पाने पर लाठी से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी जाती है।

 

जबलपुर में हार्वेस्टर चलने से किसानों से मिले पैसे नहीं देने पर आरोपी मालिक ने आदिवासी युवक को डंडे से पीटकर उसकी हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। जानकारी के अनुसार गत सोमवार को सिहोरा के लमकाना में एक अज्ञात युवक का शव पीपल के पेड़ के नीचे पड़ा हुआ था। जिसकी सूचना पुलिस को गांव के कोटवार ने दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव को पीएम के लिए रवाना कर दिया था। वहीं पुलिस ने आदिवासी युवक की हत्या करने वाले 19 वर्षीय निखिल पटेल को हिरासत में लिया था। सघन पूछताछ के दौरान निखिल पटेल ने मृतक शिव सिंह गौड़ की हत्या करना कबूल किया है। पुलिस के मुताबिक मृतक शिव सिंह गौंड को आरोपी के पांच हजार रुपए देने थे। पैसे नहीं दे पाने के कारण आरोपी निखिल पटेल ने युवक के ऊपर हमला कर दिया उसे लाठी से पीटा। सर में चोट लगने के कारण आदिवासी युवक जमीन पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।

 

पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी ने बताया आरोपी निखिल पटेल किसानों से संपर्क कर हार्वेस्टर चलवाया करता था। जिसके एवज में आरोपी मृतक को 3 सौ रूपए दिया करता था। जिसके बाद आरोपी किसानों से पैसा इकट्ठा कर हार्वेस्टर मालिक को दे दिया करता था। मृतक शिव सिंह ने करीब 5 हजार रुपए किसान से इकट्ठा किए थे। लेकिन आरोपी निखिल पटेल को नहीं दिए थे और सारा पैसा शराब पीने में खर्च कर दिए। जिसके कारण आरोपी का मृतक से विवाद हुआ था। वहीं दोनों के बीच विवाद इतना बड़ा की आरोपी ने रात पेड़ के नीचे सो रहे मृतक के सिर में लाठी डंडे हमला कर दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक के अनुसार आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।

 

मृतक शिव सिंह गौड़ मजदूरी करता था। जिसका दो साल से पत्नी से विवाद चल रहा था। जिसके कारण वह लमकना गांव में ही रहता था। कुछ दिन पहले ही निखिल पटेल के संपर्क में आया था। उसके हार्वेस्टर पर तीन सौ रुपये रोजनदारी पर मजदूरी करता था। शराब की लत होने के कारण हार्वेस्टर के काम के पांच हजार रुपए उसने किसानों से ले लिए थे, लेकिन आरोपी मालिक को नहीं दिये जिससे हुए विवाद में लाठी से पीटकर उसकी हत्या कर दी गई।

 

नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार आदिवासियों पर अत्याचारों के मामले में प्रदेश नम्बर एक पर है। इसके साथ ही साल 2021 में बाल यौन शोषण के कुल 33 हजार 36 मामले सामने आए थे। इनमें से अकेले मध्य प्रदेश में ही 3515 मामले थे। इसी तरह महिलाओं से कुल रेप के मामले 6462 दर्ज हुए थे। बाल यौन शोषण के मामले में 2020 में भी एमपी टॉप पर था। तब कुल 5598 मामले रेप के दर्ज हुए थे। इसमें 3259 रेप के मामले छोटी बच्चियों से संबंधित दर्ज हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में मध्य प्रदेश में 17,008 बच्चे क्राइम के शिकार हुए थे।

 

मध्य प्रदेश में आदिवासी और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले भी बढ़ रहे हैं। 2021 में यहां एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए। 2020 की तुलना में करीब 9.38 फीसदी अधिक है। तब 2401 मामले आए थे। दलितों से अत्याचार के कुल 7214 इस बार दर्ज हुए हैं।

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