सीतापुर दिनांक 31 मई 2022
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आज दिनांक 31 मई 2022 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस “Tabacco: Threat to our Environment” थीम पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीतापुर में तम्बाकू उत्पादों का उपयोग ना करने के सम्बंध में एक शपथ ग्रहण, हस्ताक्षर अभियान व गोष्ठी का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला की अध्यक्षता में की गई जिसमें तंबाकू से होने वाले रोगों व उनके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई तथा शपथ ग्रहण करा कर हस्ताक्षर अभियान किया गया और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की अपील की गई ।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के इस अवसर पर कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा शपथ ली गयी कि वे अपने जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का उपयोग या सेवन नहीं करेंगे एवं अपने परिजनों, मित्रों या परिचितों को भी तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करेगे। इसके अलावा अपने पर्यावरण को भी तंबाकू उत्पादों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाने में योगदान करने की शपथ ली गयी ।
कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला द्वारा अवगत कराया गया कि लगभग हर साल लगभग 9 लाख भारतीय तम्बाकू सेवन से मरते है जोकि क्षय रोग, एड्स और मलेरिया से होने वाली मौतों से अधिक है। लगभग 95 प्रतिशत मुँह के कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले लोगो मे होते है। सभी तंबाकू उत्पाद हनिकारक है। कोई भी तम्बाकू उत्पाद किसी भी मात्रा में सुरक्षित नहीं है। मुँह का कैंसर व फेफड़े का कैंसर तम्बाकू सेवन से होने वाले प्रमुख बीमारिया है। इसके अतिरिक्त धूम्रपान व तम्बाकू सेवन से चिरकालिक श्वसन संबंधी रोग दमा क्षय रोग और बार बार छाती में संक्रमण वाले रोग हो जाते है। महिलाओं में धूम्रपान व तम्बाकू के सेवन से प्रजननता में कमी स्फूर्त गर्भपात, शिशुओ का जन्म के समय कम वजन, मृत बच्चे का जन्म, गर्भाशय कैंसर आदि रोग होने की संभावना बहुत ही बढ़ जाती है।
नोडल अधिकारी डॉ उदय प्रताप द्वारा गोष्ठी में अवगत कराया गया कि किसी अन्य की बीड़ी या सिगरेट से आने वाले धुयें का पान करना सेकंड हैंड धूम्रपान कहलाता है। सेकंड हैंड धूम्रपान बीड़ी-सिगरेट न पीने वाले को हानि पहुँचाता है। इसलिये हमे किसी भी सूरत में तम्बाकू व उनके पदाथो का प्रयोग नहीं करना चाहिए। गोष्ठी में हेल्थ प्रोफेशनलो व जनमानस से अपील की गयी कि जितना जल्दी हो तम्बाकू का सेवन बंद कर दे। गोष्ठी में तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 की जानकारी व इसके पालन पर जोर दिया गया द्य तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अंतर्गत सावर्जनिक स्थान एवम कार्यस्थलों में धूम्रपान करना अपराध है, इसका उलंघन करने पर 200 रू तक का जुर्माना हो सकता है। 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को/के द्वारा तम्बाकू बेचना प्रतिबन्धित है। शिक्षा संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ उदय प्रताप सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी0के0 सिंह, डॉ कमलेश चन्द्रा, डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ सुरेंद्र शाही, डॉ अखिलेश सिंह, डॉ डी0के0 सिंह, डॉ नीरज गोयल, ज़िला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राज कुमार, एफसीएलसी जुबेर अहमद सहित कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारीगणों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के इस अवसर पर कार्यालय के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा शपथ ली गयी कि वे अपने जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का उपयोग या सेवन नहीं करेंगे एवं अपने परिजनों, मित्रों या परिचितों को भी तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करेगे। इसके अलावा अपने पर्यावरण को भी तंबाकू उत्पादों के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाने में योगदान करने की शपथ ली गयी ।
कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मधु गैरोला द्वारा अवगत कराया गया कि लगभग हर साल लगभग 9 लाख भारतीय तम्बाकू सेवन से मरते है जोकि क्षय रोग, एड्स और मलेरिया से होने वाली मौतों से अधिक है। लगभग 95 प्रतिशत मुँह के कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले लोगो मे होते है। सभी तंबाकू उत्पाद हनिकारक है। कोई भी तम्बाकू उत्पाद किसी भी मात्रा में सुरक्षित नहीं है। मुँह का कैंसर व फेफड़े का कैंसर तम्बाकू सेवन से होने वाले प्रमुख बीमारिया है। इसके अतिरिक्त धूम्रपान व तम्बाकू सेवन से चिरकालिक श्वसन संबंधी रोग दमा क्षय रोग और बार बार छाती में संक्रमण वाले रोग हो जाते है। महिलाओं में धूम्रपान व तम्बाकू के सेवन से प्रजननता में कमी स्फूर्त गर्भपात, शिशुओ का जन्म के समय कम वजन, मृत बच्चे का जन्म, गर्भाशय कैंसर आदि रोग होने की संभावना बहुत ही बढ़ जाती है।
नोडल अधिकारी डॉ उदय प्रताप द्वारा गोष्ठी में अवगत कराया गया कि किसी अन्य की बीड़ी या सिगरेट से आने वाले धुयें का पान करना सेकंड हैंड धूम्रपान कहलाता है। सेकंड हैंड धूम्रपान बीड़ी-सिगरेट न पीने वाले को हानि पहुँचाता है। इसलिये हमे किसी भी सूरत में तम्बाकू व उनके पदाथो का प्रयोग नहीं करना चाहिए। गोष्ठी में हेल्थ प्रोफेशनलो व जनमानस से अपील की गयी कि जितना जल्दी हो तम्बाकू का सेवन बंद कर दे। गोष्ठी में तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 की जानकारी व इसके पालन पर जोर दिया गया द्य तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के अंतर्गत सावर्जनिक स्थान एवम कार्यस्थलों में धूम्रपान करना अपराध है, इसका उलंघन करने पर 200 रू तक का जुर्माना हो सकता है। 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को/के द्वारा तम्बाकू बेचना प्रतिबन्धित है। शिक्षा संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ उदय प्रताप सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी0के0 सिंह, डॉ कमलेश चन्द्रा, डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ सुरेंद्र शाही, डॉ अखिलेश सिंह, डॉ डी0के0 सिंह, डॉ नीरज गोयल, ज़िला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राज कुमार, एफसीएलसी जुबेर अहमद सहित कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारीगणों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
ओपी शुक्ला सीतापुर