ऐतिहासिक नगरी रामपायली जहां आज भी विकास
कोसों दूर
रामपायली-जिले की ऐतिहासिक नगरी रामपायली जहां आज भी विकास के अनेक ऐसे कार्य है जो आज तक नहीं हो पाए हैं जिसमें सुलभ पेयजल व्यवस्था सड़क और जल निकास व्यवस्था को ग्रहण सा लगा हुआ है इन मूलभूत व्यवस्थाओं पर आज तक जनप्रतिनिधियों ने अपनी पयनी नजर इनायत नहीं कर पाए हैं जिसके कारण हर बार निर्दोष नागरिकों को ही भुगतना पड़ता है
वर्षा काल का मौसम आते ही मार्ग किनारे घरों में बारिश का पानी बेधड़क घरों के भीतर तक पहुंच जाता है जिसके कारण परिजनों को जिन तकलीफों का सामना करना पड़ता है वह वही बयां कर सकते हैं ऐसा ही कुछ इस वर्ष फिर बारिश ने अपनी दस्तक के साथ उन परिवारों के लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है पहली बारिश में ही खुल गई ग्राम विकास की पोल कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा विकास की बड़ी-बड़ी बातों का जमा खर्च करने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खड़े उम्मीदवारों की बयानबाजी सुनकर मानो ऐसा प्रतीत होता है कि वह विकास की गंगा बहा देंगे लेकिन नगर में बरसों से वर्षा जल के निकलने की पुख्ता इंतजाम आज तक नहीं हो पाए हैं जिसके कारण निर्दोष नागरिकों को परेशानियों से दो-चार हमेशा होना पड़ता है।
भगवान श्रीराम बालाजी की यह नगरी नदी और नालों एवं नहरो के आसपास गिरी हुई है जिससे नगर का घरेलू अनुपयोगी जल एवं वर्षा जल को निकालने की निकास नाली पुख्ता तौर पर आज तक नहीं बन पाई है जो बनी है वह गंदगी कीचड़ से सराबोर है और जो नहीं बन पाई है वहां मार्ग किनारे रह वासियों के लिए मुसीबत के पहाड़ खड़े कर देता है थोड़ा बहुत भी वर्षा जल आ जाए तो यह जल सीधे घरों में अंदर तक दस्तक दे जाता है जिसके कारण मार्ग किनारे रहने वाले लोगों के लिए भारी परेशानियों का उस वक्त सामना करना पड़ता है जिन्हें रात रात वर्षा जल के आ जाने का खतरा सदैव मंडराते रहता है जागकर रात काटने पर वे लोग मजबूर हो जाते हैं जबकि पंचायत के पंच सरपंच नगर के निकास नाली निर्माण को इन नदी नालों की ओर मोड़ देते तो सुविधाएं असुविधाओं में नहीं होती निकास नाली की समस्या से भी पूरी तौर पर निजात मिल जाती बस स्टैंड से श्री राम मंदिर पहुंच मार्ग तक एवं श्री राम मंदिर से नीम वाले बाबा की दरगाह तक मार्ग के दोनों ओर निकास नाली के स्थाई तौर पर निर्माण किए जाने की मांग वर्षो से अधूरी पड़ी हुई है दोनों ओर नालियों के निकास द्वार बनाकर नदी नालों की ओर मोड़ दिया जाए तो संपूर्ण ग्राम का वर्षा जल नदी नालों की ओर चला जाएगा और निर्दोष आम लोगों को परेशानियों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएंगी परंतु इस ओर गंभीरता से सकारात्मक तौर पर कभी नहीं दिखाई गई जिसके चलते हर वर्ष वर्षा काल में परेशानी मुसीबतों के बादल लेकर बरस पड़ती है वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का प्रचार प्रसार तेजी से चल रहा है जिसमें सरपंच पद एवं पंच के लिए खड़े उम्मीदवार द्वारा बड़े-बड़े विकास के द्वार खोले जाने के सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं लेकिन ग्राम की जल निकास नाली का निर्माण और वर्तमान में मार्ग किनारे मौजूद घरों के उन मतदाताओं को जो परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उससे मुक्ति दिलाने की दिशा में किसी भी प्रत्याशी की पहल दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही है आखिरकार मतदाता ऐसी दशा में इन्हें अपना मतदान कैसे करें यह वह सोचने पर मजबूर है मतदाताओं का कहना है कि हर 5 वर्षों में ग्राम विकास का सपना दिखाकर मतदान तो हो जाता है लेकिन विकास शासन के बनाएं कागजों में ही चलता रहता है हकीकत में ग्रामों में मूलभूत व्यवस्थाओं का विकास होना चाहिए वह अधूरे रह जाते हैं ऐसी दशा में किन योग्य कर्मठ जुझारू प्रत्याशी का आम मतदाता चयन करें यह सोचनीय है ?